DIKSHA : डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग
DIKSHA (डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग) शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वाधान के अंतर्गत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् की एक पहल दीक्षा (ज्ञान साँझा करने हेतु डिजिटल अवसंरचना) स्कूली शिक्षा के लिए एक राष्ट्रीय मंच है| इसका प्रारंभ 2017 में भारत के तत्कालीन माननीय उपराष्ट्रपति- श्री एम. वेंकैया नायडु द्वारा किया गया था, दीक्षा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सहित लगभग सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय स्वायत्त निकायों/बोर्डों द्वारा अपनाया गया है| दीक्षा को तत्कालीन माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर / जावड़ेकर द्वारा सितंबर, 2017 में जारी राष्ट्रीय शिक्षक मंच के लिए निर्धारित कार्यनीति और दृष्टिकोण प्रपत्र के आधार पर विकसित किया गया था। दीक्षा के माध्यम से देश भर के शिक्षार्थी एवम् अध्यापक लाभ उठा सकते हैं , वर्तमान में यह 36 भारतीय भाषाओँ में उपलब्ध है| प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश दीक्षा मंच को अपनी आवश्यकता अनुरूप पोषित करते है, क्योंकि इसमें शिक्षकों, शिक्षार्थियों और प्रशासकों के लिए कार्यक्रमों की रुपरेखा बनाने / तैयार करना और उनके प्रचालन के लिए मंच की विभिन्न क्षमताओं और समाधानों का उपयोग करने की स्वतंत्रता और विकल्प है। दीक्षा की नीतियाँ और उपकरण शिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र (शिक्षाविद् , विशेषज्ञ, संगठन, संस्थान - सरकारी, स्वायत्त संस्थान, गैर-सरकारी और निजी संगठन ) को समर्थ / सक्षम बनाती है कि वह देश के लिए बड़े पैमाने पर सिखने के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु एक समान मंच को पोषित करने में अपना योगदान दे सके। दीक्षा की घोषणा ‘एक राष्ट्र एक मंच’ के रूप में आत्म-निर्भर भारत के एक अंग के रूप में भारत सरकार की एक पहल पीएम ई-विद्या के अंतर्गत की गई है।
एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें CC BY NC-ND एवं सभी संसाधन CC BY NC-SA के तहत लाइसेंस प्राप्त हैं। भारत सरकार द्वारा पीएम ईविद्या पहल के अंतर्गत जिसे आत्म निर्भर भारत के एक भाग के रूप में घोषित किया गया था वहीं दीक्षा को 'वन नेशन, वन डिजिटल प्लेटफॉर्म'/एक राष्ट्र एक डिजिटल मंच के रूप में घोषित किया गया है।
दीक्षा एक मुक्त संसाधन तकनीक के आधार पर भारत में और भारत के लिए बना है, जो कि बड़े पैमाने पर तकनीकों को शामिल करता है / द्वारा पोषित है और शिक्षा व सिखने / अध्ययन के लिए उदाहरणों व उनके समाधान को संभव बनाता है | दीक्षा को सनबर्ड मानक एम.आई.टी लाइसेंस धारक मुक्त संसाधन तकनीक का प्रयोग करके बनाया गया है, जो की सिखने और समाधान पाने के लिए एक डिजिटल अवसंरचना है और मंचों व समाधानों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में 100 से अधिक माइक्रो सेवाएं प्रदान करता है।
29 जुलाई 2021 को भारत के वर्तमान माननीय प्रधान मंत्री ने NDEAR (नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर) का प्रारंभ किया जो राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संघीय और अंतर-संचालिता प्रणाली के विकास के लिए मूलभूत आधार प्रदान करता है। दीक्षा (DIKSHA) में NDEAR के अधिकांश मूलभूत घटक शामिल हैं, जिन्होंने NDEAR के कुछ सफल व्यवहारिक मामलों / उपयोगों / प्रयोगों को सक्षम बनाया जैसे: सक्रिय पाठ्यपुस्तकें, ऑनलाइन पाठ्यक्रम, सामग्री संलेखन, सामग्री का संग्रह, परस्पर संवादात्मक प्रश्नोत्तरी, प्रश्न बैंक, चैटबॉट, विश्लेषण प्रक्रिया और डैशबोर्ड। कोविड-19 (COVID-19) महामारी के समय, इस मंच के माध्यम से देश भर में शिक्षार्थियों और शिक्षकों द्वारा लाभान्वित होने वालों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि का अनुभव किया गया।
शिक्षण और सीखने की प्रक्रियाओं में सहायक डिजिटल सामग्री के लिए, एनसीईआरटी/सीबीएसई/राज्यों की विभिन्न पाठ्यसामग्री सम्बंधित आवश्यकताओं के लिए विद्यादान के तहत स्कूलों / व्यक्तिगत शिक्षकों, पाठ्यसामग्री भागीदारों, गैर सरकारी संगठनों, सीएसआर के तहत निगमित संगठनों द्वारा विभिन्न संसाधनों के एक समृद्ध कोष का योगदान दिया गया था / है ।
विशेष आवश्यकता समूह वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) के शिक्षण और सीखने में सहायता के लिए, बड़ी संख्या में ऑडियो पुस्तकें, आईएसएल (भारतीय सांकेतिक भाषा) वीडियो और शब्दकोश सीडब्ल्यूएसएन के लिए दीक्षा पर उपलब्ध है ।
महामारी के दौरान, दीक्षा के माध्यम से प्राथमिक स्तरों के लिए बड़े पैमाने पर शिक्षकों हेतु पेशेवर विकास कार्यक्रम के रूप में निष्ठा 1.0 (स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों की समग्र प्रगति के लिए राष्ट्रीय पहल) को ऑनलाइन प्रारंभ किया गया था। निष्ठा 2.0 और 3.0 माध्यमिक और बुनियादी साक्षरता एवं संख्या-ज्ञान (FLN) पर केंद्रित है। निष्ठा के अलावा, कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने स्वयं के क्षमता निर्माण कार्यक्रम तैयार किए हैं।
रा.शै.अ.प्र.प छात्रों के लिए 24x7 आधार पर (चौबीस घंटे) पीएम ईविद्या डीटीएच-टीवी चैनलों (कक्षा I से XII तक एक कक्षा, एक चैनल) के माध्यम से पाठ्यसामग्री को प्रसारित करता है।यह सभी, चैनल कक्षावार पाठ्यसामग्री का प्रसारण करते हैं जिन्हें क्यूआर कोड के माध्यम से दीक्षा से लिंक किए गए है। सुसंगतता को बनाए रखने के लिए, दीक्षा पर प्रसारण सामग्री भी उपलब्ध कराई जाती है, जहाँ से इस पाठ्यसामग्री को किसी भी समय, कहीं भी सुलभता से प्राप्त किया जा सकता है।
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