
पाँच घंटे की प्रशिक्षण श्रृंखला
"डिजिटल वेलनेस"
डिजिटल प्रौद्योगिकियाँ शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बन चुकी हैं, जिन्होंने इस प्रक्रिया को गहराई से बदल दिया है कि
विद्यार्थी किस प्रकार ज्ञान अर्जित करते हैं, सहपाठियों के साथ संवाद करते हैं और व्यापक दुनिया से जुड़ते हैं।
यद्यपि ये साधन पहुँच का विस्तार करते हैं, नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं और शैक्षिक पद्धति को समृद्ध बनाते हैं,
फिर भी ये अनेक जटिल चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करते हैं, जिनका समाधान समालोचनात्मक चिंतन और सूचित उत्तरों के माध्यम से
किया जाना आवश्यक है। इसी गतिशील परिप्रेक्ष्य में डिजिटल कुशल-क्षेम की अवधारणा विद्यालयों में शैक्षिक प्रगति,
व्यक्तिगत सुरक्षा और मनोवैज्ञानिक कल्याण की रक्षा के लिए एक महत्त्वपूर्ण रूपरेखा के रूप में उभरती है।
ऑनलाइन परिवेश में गोपनीयता, सुरक्षा और गरिमा का आश्वासन अब शिक्षा प्रणाली की एक परिभाषित जिम्मेदारी बन गया है।
बच्चे और युवा, जो डिजिटल प्लेटफार्मों के शुरुआती और संवेदनशील उपयोगकर्ता हैं, असुरक्षित व्यवहारों और डिजिटल
अधिकारों के उल्लंघन के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। विद्यार्थियों को जिम्मेदारीपूर्वक जुड़ने की कौशल प्रदान करके
और नैतिक डिजिटल नागरिकता की संस्कृति विकसित करके, शिक्षक यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि विद्यालय सुरक्षित स्थान के
रूप में कार्य करें, जहाँ विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी डिजिटल सहभागिता का मार्गदर्शन करें।
आधुनिक डिजिटल युग की सबसे गंभीर चिंताओं में से एक है साइबरबुलिंग और उससे संबंधित हानिकारक व्यवहारों का बढ़ना। ऐसे
अनुभव विद्यार्थियों की भावनात्मक दृढ़ता, आत्मविश्वास और सामाजिक विकास को कमजोर कर देते हैं और उनके शैक्षिक जीवन पर
स्थायी प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए विद्यालयों को रोकथाम और उपचारात्मक दोनों प्रकार की रणनीतियाँ अपनानी चाहिए, जो
संवेदनशीलता, सहानुभूति और उत्तरदायित्व पर आधारित हों, ताकि ऐसा वातावरण बनाया जा सके जहाँ विद्यार्थी न केवल
सुरक्षित हों, बल्कि उन्हें दृढ़ता और करुणा विकसित करने में भी सहयोग मिले।
समान रूप से महत्वपूर्ण है स्क्रीन उपयोग और मानसिक कल्याण के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती। डिजिटल उपकरणों पर
अत्यधिक निर्भरता थकान, ध्यान की कमी और आपसी संबंधों की कमजोरी का कारण बनती है। इसलिए जागरूक डिजिटल आदतों को बढ़ावा
देना, प्रौद्योगिकी के विवेकपूर्ण उपयोग को प्रोत्साहित करना और ऐसी दिनचर्याओं को स्थापित करना आवश्यक है जो
स्वास्थ्य और एकाग्रता को प्राथमिकता दें। इससे विद्यार्थी और शिक्षक तकनीक-प्रधान युग में अपनी बौद्धिक ऊर्जा,
भावनात्मक स्थिरता और समग्र कल्याण बनाए रख सकते हैं।
व्यक्तिगत अभ्यास से परे, डिजिटल कुशल-क्षेम को विद्यालयों की संस्थागत संस्कृति में समाहित करना आवश्यक है। इसके लिए
नीतियों, संरचित शैक्षणिक दृष्टिकोणों और समन्वित पहलों के माध्यम से प्रणालीगत कार्यवाही की आवश्यकता है, जो डिजिटल
सुरक्षा और कल्याण को वैकल्पिक पूरक न मानकर इक्कीसवीं सदी की शिक्षा का मौलिक तत्व मानें। इस प्रकार विद्यालय
सुरक्षित, समावेशी और जिम्मेदार डिजिटल सहभागिता का आदर्श प्रस्तुत करने वाले समुदाय बन सकते हैं।
इन सभी दृष्टिकोणों को मिलाकर देखें तो डिजिटल कुशल-क्षेम की एक व्यापक और बहुआयामी समझ सामने आती है। यह प्रशिक्षण
कार्यक्रम वैचारिक स्पष्टता को साक्ष्य-आधारित व्यवहारों के साथ जोड़कर शिक्षकों, शिक्षक-प्रशिक्षकों और विद्यालय
नेताओं की व्यावसायिक क्षमता को बढ़ाने का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य उन्हें आवश्यक ज्ञान, रणनीतियों और उपकरणों
से सशक्त बनाना है, ताकि वे सुरक्षित विद्यालयों का निर्माण कर सकें, स्वस्थ मानसिकता विकसित कर सकें और विद्यार्थियों
को तेजी से बदलते डिजिटल परिदृश्य में आत्मविश्वास और जिम्मेदारीपूर्वक आगे बढ़ने के लिए तैयार कर सकें।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की दृष्टि के अनुरूप, सीआईईटी–एनसीईआरटी द्वारा आयोजित यह पाँच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण
कार्यक्रम डिजिटल कुशल-क्षेम की व्यापक समझ विकसित करने का प्रयास करता है, ताकि इसे सुरक्षित विद्यालयों और स्वस्थ
मानसिकता को बढ़ावा देने वाले एक रूपांतरणकारी प्रतिमान के रूप में स्थापित किया जा सके। प्रशिक्षण का अंग्रेज़ी
संस्करण 01 से 05 सितम्बर 2025 तक और हिंदी संस्करण 08 से 12 सितम्बर 2025 तक आयोजित किया जाएगा। प्रतिदिन शाम 4:00 से
5:00 बजे तक लाइव सत्र निर्धारित हैं। यह पहल सुरक्षा, कल्याण और उत्तरदायित्व को शिक्षण–अधिगम प्रक्रिया में सार्थक
रूप से एकीकृत करने हेतु बुनियादी दृष्टिकोणों और भविष्यमुखी व्यवहारों को एक साथ लाती है।
सत्रों का सीधा प्रसारण एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा तथा पीएम ईविद्या डीटीएच टीवी चैनल (6–12)
और जियो टीवी मोबाइल एप्लीकेशन पर एक साथ प्रसारित किया जाएगा। प्रतिभागी एक समर्पित यूट्यूब प्लेलिस्ट के माध्यम से
इनकी रिकॉर्डिंग भी देख सकेंगे, जिससे वे प्रमुख चर्चाओं को पुनः देख सकें, अधिगम को सुदृढ़ कर सकें और अर्जित ज्ञान
को अपने व्यावसायिक परिप्रेक्ष्य में प्रभावी रूप से लागू कर सकें।
प्रशिक्षण के उद्देश्य:
प्रशिक्षण श्रृंखला पूर्ण होने के पश्चात्, शिक्षार्थी सक्षम होंगेः:
- विद्यालयों में डिजिटल कुशल-क्षेम की अवधारणा, परिमाण और महत्व को समझना।
- ऑनलाइन गोपनीयता, सुरक्षा और डिजिटल गरिमा से संबंधित मुद्दों की पहचान करना।
- साइबरबुलिंग की चुनौतियों को देखभाल-आधारित रणनीतियों द्वारा पहचानना और उनका समाधान करना।
- संतुलित एवं सजग डिजिटल उपकरणों के उपयोग को कल्याण के लिए प्रोत्साहित करना।
- जागरूकता को विद्यालयों की टिकाऊ प्रथाओं और नीतियों में रूपांतरित करना।
- जिम्मेदार डिजिटल नागरिकों को विकसित करने हेतु व्यावसायिक क्षमता को सुदृढ़ करना।
कार्यक्रम अनुसूची:
दिन व तिथि | सत्रों का शीर्षक | संसाधन व्यक्तियों के नाम | बैनर लिंक | प्रस्तुति लिंक | विडियो लिंक |
---|---|---|---|---|---|
दिन 1: सोमवार, 8 सितम्बर 2025 |
डिजिटल कुशल-क्षेम: अवधारणा एवं विषय-क्षेत्र | डा. शालिनी दीक्षित, सहयोगी प्राध्यापक, शैक्षिक मनोविज्ञान एवं शिक्षा के मूलभूत विभाग, एनसीईआरटी, नई दिल्ली | Day 1 | Presentation_Day 1 | Video |
दिन 2: मंगलवार, 9 सितम्बर 2025 |
डिजिटल कुशल-क्षेम को बढ़ावा देने वाले कारक | डा. प्रियम शर्मा, सहायक प्राध्यापक, शैक्षिक मनोविज्ञान एवं शिक्षा के मूलभूत विभाग, एनसीईआरटी, नई दिल्ली | Day 2 | Presentation_Day 2 | Video |
दिन 3: बुधवार, 10 सितम्बर 2025 |
डिजिटल क्षेत्र में शारीरिक कुशल-क्षेम | डा. सरिता चौधरी, सहायक प्राध्यापक, शैक्षिक मनोविज्ञान एवं शिक्षा के मूलभूत विभाग, एनसीईआरटी, नई दिल्ली | Day 3 | Presentation_Day 3 | Video |
दिन 4: गुरुवार, 11 सितम्बर 2025 |
स्क्रीन और मन का संतुलन: कल्याण का मार्ग | डा. रेखा रानी, सहायक प्राध्यापक, शैक्षिक मनोविज्ञान एवं शिक्षा के मूलभूत विभाग, एनसीईआरटी, नई दिल्ली | Day 4 | Presentation_Day 4 | Video |
दिन 5: शुक्रवार, 12 सितम्बर 2025 |
जागरूकता से व्यवहार की ओर : डिजिटल कुशल-क्षेम की संस्कृति का निर्माण | डा. नवीन कुमार मोक्टा, सहायक प्राध्यापक, शैक्षिक मनोविज्ञान एवं शिक्षा के मूलभूत विभाग, एनसीईआरटी, नई दिल्ली | Day 5 | Presentation_Day 5 | Video |
आयोजक समूह: कार्यक्रम सलाहकार: प्रो. इन्दु कुमार, प्रमुख, डीआईसीटी, केन्द्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली। प्रो. प्रभात कुमार मिश्रा, प्रमुख, शैक्षिक मनोविज्ञान एवं शिक्षा आधार विभाग। कार्यक्रम समन्वयक एवं पाठ्यक्रम समन्वयक : डा. एंजल रत्नाबाई, सहयोगी प्राध्यापक, केन्द्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली। तकनीकी समन्वयक: डा. सतनारायण, शैक्षणिक परामर्शदाता, केन्द्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली। |
कैसे भाग लें?
चरण 1 : पंजीकरण:
प्रतिभागियों को निम्नलिखित लिंक या क्यूआर कोड का उपयोग करके पंजीकरण करना होगा -
https://docs.google.com/forms/d/1sDw-D_sovIcfCNiX--01-4lBvuo2k4_flGmuCfDh0y4/edit
या QR कोड स्कैन करें -
चरण 2 : सीधा प्रसारण सत्र देखें और विषय के बारे में जानें :
प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सत्र
में भाग लेना होगा, जिसका एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल - http://youtube.com/ncertofficial पर सीधा प्रसारण 08 से 12 सितम्बर
2025 को शाम 4.00 बजे से 5.00 बजे (सोमवार से
शुक्रवार) तक किया जाएगा। सत्र का
सीधा प्रसारण निम्नलिखित चैनलों पर भी किया जाएगा :
- पीएम ईविद्या चैनल #6-12
- डीडी फ्री डिश चैनल
- डिश टीवी चैनल #2027-2033
- जियो टीवी मोबाइल ऐप
यदि आप किन्ही कारणों से लाइव सत्र नहीं देख पाते हैं, तो आप दिए गए प्लेलिस्ट लिंक का उपयोग करके रिकॉर्डिंग देख सकते हैं: https://youtube.com/playlist?list=PLcsj1x9n9h4h_Xgs0bdo2quewk2hmcQnr&si=A7sG0OgnXi1Wfbhc
चरण 3: ऑनलाइन पाठ्यक्रम में नामांकन करें, सत्रोत्तर गतिविधि में भाग लें और प्रमाण पत्र प्राप्त करें:
यदि आप प्रमाणपत्र प्राप्त करने में रुचि रखते हैं, तो आपको निम्नलिखित कार्य करना होगा:
- दीक्षा पोर्टल पर लॉन्च होने वाले ऑनलाइन पाठ्यक्रम में शामिल हों। पाठ्यक्रम लिंक:https://learning.diksha.gov.in/diksha/course.php?id=833§ion=1835।
यह कोर्स 15 मार्च , 2026 तक खुला रहेगा। - प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम में शामिल होना होगा, सभी पांचों वीडियो देखने होंगे।
- प्रतिभागियों को अंतिम मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। प्रतिभागी तीन बार मूल्यांकन का प्रयास कर सकते हैं।
- अंतिम मूल्यांकन में 70% और उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र मिलेगा और वे अपने दीक्षा प्रोफ़ाइल पृष्ठ पर ही अपना प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। सर्टिफिकेट मिलने में 15-20 दिन का समय लग सकता है।
चरण 4 : अपनी प्रतिक्रिया दें :प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे दिए गए लिंक या क्यूआर कोड का
उपयोग करके फीडबैक प्रस्तुत करें -
https://docs.google.com/forms/d/1vKSWaSY5Zk9s2h92jK73fbX-5AyU9ECtJ1wpR3DqaEM/edit
यह प्रतिक्रिया फॉर्म आपके अनुभवों, आपके सीखने और ऑनलाइन प्रशिक्षण के संबंध में सुझावों को जानने के लिए बनाया गया है। कृपया हमारे साथ अपने अनुभवों और सुझावों को साझा करें। यह हमें वर्चुअल प्रशिक्षण प्रक्रिया में और सुधार करने में मदद करेगा। आपकी प्रतिक्रियाओं की गोपनीयता सुनिश्चित रखी जाएगी।
किसी भी जानकारी के लिए, यहां मेल करें: training.helpdesk@ciet.nic.in या कॉल करें: 8800440559.