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ऑनलाइन प्रशिक्षण
"सामाजिक विज्ञान के शिक्षण एवं अधिगम में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी)"
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुच्छेद 23.6 के अनुरूप, शिक्षा के क्षेत्र में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के समावेश को एक प्राथमिक रणनीति के रूप में स्वीकार किया गया है। आईसीटी शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे शिक्षार्थियों के लिए संवादात्मक, लचीले एवं वैयक्तिकृत अधिगम अनुभव सुनिश्चित किए जा सकते हैं। यह न केवल अधिगम को अधिक समावेशी एवं सुगम बनाता है, अपितु शिक्षकों को नवीन शिक्षण पद्धतियों को अपनाने हेतु प्रोत्साहित भी करता है।
सामाजिक विज्ञान शिक्षा में आईसीटी उपकरणों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये विभिन्न शिक्षण आवश्यकताओं को प्रभावी रूप से पूरा करने में सहायक सिद्ध होते हैं। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, मल्टीमीडिया सामग्री एवं वर्चुअल संसाधन कक्षा शिक्षण को अधिक प्रभावशाली एवं रोचक बनाते हैं। ये उपकरण शिक्षकों को जटिल संकल्पनाओं को सरल, दृश्यात्मक एवं प्रयोगात्मक रूप में प्रस्तुत करने में सहायता प्रदान करते हैं, जिससे शिक्षण अधिक परिणामपरक एवं व्यावहारिक हो जाता है।
पारंपरिक शिक्षण विधियाँ विभिन्न अधिगम शैलियों एवं आवश्यकताओं को संतोषजनक रूप से संबोधित करने में प्रायः असफल रहती हैं। आईसीटी आधारित शिक्षण पद्धतियाँ शिक्षकों को संवादात्मक एवं शिक्षार्थी-केंद्रित गतिविधियों के सृजन में सक्षम बनाती हैं, जिससे शिक्षार्थियों की गहन समझ विकसित होती है। सिमुलेशन, डिजिटल कथानक (डिजिटल स्टोरीटेलिंग) एवं भू-स्थानिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) जैसे डिजिटल उपकरणों के माध्यम से शिक्षार्थी ऐतिहासिक घटनाओं, सांस्कृतिक अध्ययन एवं भूगोल संबंधी अवधारणाओं को अधिक व्यापक एवं अनुभवात्मक रूप से अन्वेषण कर सकते हैं।
आधुनिक प्रौद्योगिकियाँ, जैसे कि इमर्सिव (आभासी) परिवेश, डिजिटल मानचित्रण एवं दृश्यांकन उपकरण (विज़ुअलाइज़ेशन टूल्स), विश्लेषणात्मक एवं समालोचनात्मक चिंतन कौशल को विकसित करने में सहायक होते हैं। Google Earth एवं Bhuvan जैसे संवादात्मक प्लेटफॉर्म सामाजिक एवं आर्थिक अध्ययनों में स्थानिक विश्लेषण के नए आयाम प्रदान करते हैं। इन उपकरणों के माध्यम से शिक्षार्थी अन्वेषण-आधारित शिक्षण प्रक्रिया को अपनाते हुए वास्तविक जीवन से संबंधित जटिल विषयों का वैज्ञानिक विश्लेषण करने में सक्षम होते हैं।
एनईपी 2020 के अनुच्छेद 24.4 (डी) के अनुसार, डिजिटल शैक्षिक संसाधनों के सशक्त भंडार के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया गया है। आईसीटी उपकरण शिक्षकों को स्पष्ट व्याख्याएँ, व्यक्तिगत मार्गदर्शन एवं व्यापक मूल्यांकन प्रदान करने में सहायक सिद्ध होते हैं। परिणामस्वरूप, सामाजिक विज्ञान शिक्षा अधिक संवादात्मक, सुलभ एवं बौद्धिक रूप से प्रेरणादायक बन जाती है।
इसी परिप्रेक्ष्य में, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा “सामाजिक विज्ञान के शिक्षण एवं अधिगम में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी)” विषय पर पाँच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का अंग्रेज़ी संस्करण 17 से 21 फरवरी 2025 तथा हिंदी संस्करण 24 से 28 फरवरी 2025 तक संचालित होगा। सभी सत्र प्रतिदिन शाम 4:00 बजे से 5:00 बजे तक आयोजित किए जाएंगे, जिनका सीधा प्रसारण एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सत्रों का पीएम ई-विद्या डीटीएच टीवी चैनलों (6 से 12) तथा जियो टीवी मोबाइल ऐप पर भी समसामयिक प्रसारण होगा, जिससे प्रतिभागी विभिन्न माध्यमों से प्रशिक्षण में सहभागिता सुनिश्चित कर सकेंगे।
उद्देश्यः
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद प्रतिभागी:
- सामाजिक विज्ञान शिक्षण में आईसीटी की उपयोगिता एवं प्रभाव का विश्लेषण करना।
- शैक्षणिक प्रक्रियाओं में डिजिटल संसाधनों एवं उपकरणों के समावेश एवं प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना।
- ऑडियो एवं वीडियो संसाधनों के एकीकृत प्रयोग की दक्षता विकसित करना।
- छात्रों की सहभागिता एवं संज्ञानात्मक अधिगम को बढ़ाने हेतु उन्नत डिजिटल उपकरणों का समुचित उपयोग करना।
- इंटरएक्टिव मैपिंग, वर्चुअल एक्सप्लोरेशन एवं अन्य उन्नत तकनीकों के शैक्षिक लाभों की समीक्षा करना।
- शिक्षा में डिजिटल प्रौद्योगिकियों के नैतिक एवं उत्तरदायी उपयोग से संबंधित प्रमुख मुद्दों का निराकरण करना।
कार्यक्रम अनुसूची:
दिन व तिथि | सत्र का शीर्षक | विशेषज्ञ | बैनर लिंक | प्रस्तुति लिंक | विडियो लिंक |
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दिन - 1: 24 फरवरी 2025 |
सामाजिक विज्ञान के शिक्षण और अधिगम के लिए आईसीटी - नीतिगत परिप्रेक्ष्य, आवश्यकता और क्षेत्र | डॉ. तगाराम कोंडाला राव, सह - प्राध्यापक, योजना एवं अनुसंधान प्रभाग, सीआईईटी, एनसीईआरटी, नई दिल्ली | |||
दिन - 2: 25 फरवरी 2025 |
सामाजिक विज्ञान के शिक्षण और अधिगम के लिए ऑडियो एवं वीडियो संसाधन | डॉ. उपासना राय, सह - प्राध्यापक, योजना एवं अनुसंधान प्रभाग, सीआईईटी, एनसीईआरटी, नई दिल्ली |
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दिन - 3: 26 फरवरी 2025 |
सामाजिक विज्ञान के लिए डिजिटल उपकरण | सुश्री संचिता घोष, विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, संस्कृति स्कूल, डॉ. एस. राधाकृष्णन मार्ग, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली | |||
दिन - 4: 27 फरवरी 2025 |
भुवन: सामाजिक विज्ञान के लिए एक अन्वेषणीय उपकरण | सुश्री नीतू सिंह मालिक, पीजीटी भूगोल एवं जियोस्पेशियल प्रौद्योगिकी, दिल्ली पब्लिक स्कूल, गाज़ियाबाद | |||
दिन - 5: 28 फरवरी 2025 |
गूगल अर्थ: सामाजिक विज्ञान के लिए एक इंटरैक्टिव मानचित्रण संसाधन | डॉ. पुष्पेंद्र सिंह, उप प्रधानाचार्य, महाराजा अग्रसेन मॉडल स्कूल, पीतमपुरा, दिल्ली | |||
आयोजक समूह: कार्यक्रम सलाहकार:
प्रो. अमरेंद्र प्रसाद बेहेरा, संयुक्त निदेशक, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली। कार्यक्रम समन्वयक: डॉ. एंजेल रत्नाबाई, सहायक आचार्य, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली। पाठ्यक्रम समन्वयक : डॉ. उपासना राय, एसोसिएट प्रोफेसर, योजना एवं अनुसंधान प्रभाग, सीआईईटी, एनसीईआरटी, नई दिल्ली। तकनीकी समन्वयक: श्री गुरजीत सिंह, जूनियर प्रोजेक्ट फेलो, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली। |
कैसे भाग लें?
चरण 1 : पंजीकरण:
प्रतिभागियों को निम्नलिखित लिंक या क्यूआर कोड का उपयोग करके पंजीकरण करना होगा - https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdXuROYpZ1QDBVOQlDBJGxvJ8QE9D8sv_bOurfQgVdfoIuOdA/viewform?usp=dialog या QR कोड स्कैन करें -
चरण 2: लाइव सत्र देखें और विषय के बारे में जानें: प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सत्रों में भाग लेना होगा, जिसका सीधा प्रसारण NCERT के आधिकारिक YouTube चैनलhttp://youtube.com/ncertofficial पर 24-28 फरवरी, 2025 तक शाम 4:00- 5:00 बजे (सोमवार से शुक्रवार) किया जाएगा। सत्र का सीधा प्रसारण निम्नलिखित चैनलों पर भी किया जाएगा
- पीएम ईविद्या चैनल #6-12
- डीडी फ्री डिश चैनल
- डिश टीवी चैनल #2027-2033
- Jio टीवी मोबाइल ऐप
https://youtube.com/playlist?list=PLcsj1x9n9h4jOWQDg5gWQcoSzlnPSK0Ts&si=AsZ8wvoSV4hJFe6U
चरण 3: ऑनलाइन पाठ्यक्रम में नामांकन करें, सत्रोत्तर गतिविधि में भाग लें और प्रमाण पत्र प्राप्त करें:
यदि आप प्रमाणपत्र प्राप्त करने में रुचि रखते हैं, तो आपको निम्नलिखित कार्य करना होगा:
- दीक्षा पोर्टल पर लॉन्च होने वाले ऑनलाइन पाठ्यक्रम में शामिल हों। प्रशिक्षण के अंतिम दिन शाम 7 बजे तक पाठ्यक्रम लिंक इवेंट पेज पर अपडेट कर दिया जाएगा।
यह कोर्स 15 मार्च, 2025 तक खुला रहेगा। - पाठ्यक्रम में शामिल हों, सभी पांचों वीडियो देखें।
- पाठ्यक्रम का अंतिम मूल्यांकन करें। आप केवल तीन बार ही मूल्यांकन का प्रयास कर सकते हैं।
- यदि आप अंतिम मूल्यांकन में 70% या उससे अधिक अंक प्राप्त करते हैं, तो आपको प्रमाणपत्र प्राप्त होगा। आप अपने दीक्षा प्रोफाइल पेज पर जाकर अपना प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं। प्रमाणपत्र प्राप्त करने में 15 से 20 दिन लग सकते हैं।
- यदि पोर्टल में कोई समस्या है तो दीक्षा पोर्टल पर शिक्षक सहायता में अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
चरण 4: अपनी प्रतिक्रिया दें: -
लिंक या QR कोड का उपयोग करके अपनी प्रतिक्रिया दें -
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdqJYa894Hlv4ofInvrggz9HtjImrvscWeWqmRAYe03_6vDNQ/viewform?usp=dialog
या QR कोड स्कैन करके -
यह प्रतिक्रिया फॉर्म आपके अनुभवों, आपके सीखने और ऑनलाइन प्रशिक्षण के संबंध में सुझावों को जानने के लिए बनाया गया है। कृपया हमारे साथ अपने अनुभवों और सुझावों को साझा करें। यह हमें वर्चुअल प्रशिक्षण प्रक्रिया में और सुधार करने में मदद करेगा। आपकी प्रतिक्रियाओं की गोपनीयता सुनिश्चित रखी जाएगी।
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