वित्तीय सुरक्षा

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पाँच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण श्रृंखला

"वित्तीय सुरक्षा"

आज की तीव्र गति से डिजिटल होती अर्थव्यवस्था में वित्तीय सुरक्षा एक महत्वपूर्ण जीवन-कौशल और संस्थागत प्राथमिकता के रूप में उभरी है। डिजिटल बैंकिंग, ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म और ऑनलाइन लेन-देन के व्यापक उपयोग ने इस बात को पूरी तरह बदल दिया है कि व्यक्ति, परिवार और व्यवसाय धन का प्रबंधन और उपयोग कैसे करते हैं। वेतन वितरण, छात्र-शुल्क भुगतान और शैक्षिक छात्रवृत्तियों जैसी वित्तीय गतिविधियाँ अब डिजिटल तकनीकों के माध्यम से संचालित हो रही हैं। हालाँकि, इस परिवर्तन ने उपभोक्ताओं को फ़िशिंग योजनाओं, धोखाधड़ी, पहचान की चोरी और अनधिकृत लेन-देन जैसी कई जोखिमों के प्रति संवेदनशील बना दिया है। ऐसे परिवेश में, डिजिटल वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास, पारदर्शिता और लचीलापन सुनिश्चित करना एक साझा शैक्षिक और संस्थागत दायित्व बन जाता है। इसलिए, वित्तीय सुरक्षा केवल व्यक्तिगत सतर्कता का विषय नहीं, बल्कि यह एक सामूहिक शैक्षिक एवं संस्थागत उत्तरदायित्व है, जो डिजिटल वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास, पारदर्शिता और लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

साइबर स्पेस के माध्यम से बढ़ते वित्तीय अपराधों ने इस बात की आवश्यकता को और अधिक गंभीर बना दिया है कि प्रशासकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को आवश्यक तकनीकी ज्ञान और आलोचनात्मक चिंतन कौशल से सुसज्जित किया जाए। सोशल इंजीनियरिंग हमले, डाटा लीक, ओटीपी आधारित धोखाधड़ी तथा भ्रामक निवेश योजनाएँ जैसी धमकियाँ, वित्तीय स्थिरता और व्यक्तिगत आत्मविश्वास दोनों को कमजोर कर सकती हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि मजबूत प्रमाणीकरण का उपयोग, सुरक्षित बैंकिंग व्यवहार अपनाना, डिजिटल भुगतान स्रोतों की प्रामाणिकता की पुष्टि करना और ऑनलाइन संचार में चेतावनी संकेतों की पहचान करना जैसी रोकथाम संबंधी उपाय डिजिटल साक्षरता का नियमित हिस्सा बनें। साथ ही, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि एक ऐसी सतर्कता और उत्तरदायित्व की संस्कृति विकसित की जाए जो व्यक्तियों को वित्तीय तकनीकों का जिम्मेदारीपूर्वक उपयोग करने के लिए सक्षम बनाए।

यद्यपि व्यक्तिगत जागरूकता वित्तीय सुरक्षा की पहली रक्षा पंक्ति है, फिर भी शैक्षणिक संस्थानों में इसे व्यवस्थित नीतियों, सुरक्षित भुगतान संरचनाओं और पारदर्शी वित्तीय व्यवहारों के माध्यम से संस्थागत रूप देना आवश्यक है। संस्थानों को न केवल अपने वित्तीय लेन-देन की सुरक्षा हेतु ऑडिट, बहु-स्तरीय प्रमाणीकरण और एन्क्रिप्शन तकनीकों का उपयोग करना चाहिए, बल्कि सुरक्षित और नैतिक वित्तीय आचरण का उदाहरण भी प्रस्तुत करना चाहिए। छात्रों, शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों के बीच सभी स्तरों पर वित्तीय साक्षरता का विकास एक ऐसी संस्कृति के निर्माण में सहायक होता है जो वित्तीय ईमानदारी पर आधारित हो- जहाँ जागरूकता, रोकथाम और सुविचारित निर्णय दैनिक कार्यप्रणाली के अभिन्न अंग बन जाते हैं।

शिक्षकों, विद्यालय प्रशासकों और अन्य पेशेवरों की व्यावसायिक दक्षता को सुदृढ़ करते हुए, “वित्तीय सुरक्षा” पर यह ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम इन महत्वपूर्ण पहलुओं को संबोधित करने का उद्देश्य रखता है। इस कार्यक्रम के प्रतिभागी वित्तीय धोखाधड़ियों की पहचान, सुरक्षित डिजिटल भुगतान तंत्रों का कार्यान्वयन, तथा अपने संस्थागत समुदायों में जागरूकता बढ़ाने से संबंधित ज्ञान प्राप्त करेंगे। यह प्रशिक्षण सैद्धांतिक अध्ययन और व्यावहारिक प्रदर्शन के संयोजन के माध्यम से शिक्षण-अधिगम की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाता है। पाठ्यक्रम इस बात पर विशेष बल देता है कि अब वित्तीय साक्षरता का अर्थ केवल धन प्रबंधन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें डिजिटल वित्तीय प्रणालियों की सुरक्षा और विश्वसनीयता बनाए रखने वाले तंत्रों की समझ भी शामिल है।

यह पाँच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम, जिसे सीआईईटी-एनसीईआरटी द्वारा भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी), गृह मंत्रालय (एमएचए), भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की दृष्टि के अनुरूप है। इसका उद्देश्य शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों में वित्तीय साक्षरता को बढ़ाना तथा सुरक्षित वित्तीय व्यवहार को प्रोत्साहित करना है। यह कार्यक्रम डिजिटल नागरिकता के एक प्रमुख घटक के रूप में वित्तीय सुरक्षा पर बल देता है और प्रतिभागियों को अपने संस्थागत एवं व्यक्तिगत वित्तीय डाटा की सुरक्षा करने तथा एक सुरक्षित, पारदर्शी और भविष्य के लिए तैयार शैक्षिक वातावरण के निर्माण हेतु सक्षम बनाता है।

इस प्रशिक्षण का हिंदी संस्करण 10 से 14 नवम्बर 2025 तक संचालित किया जाएगा। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण प्रतिदिन अपराह्न 4:00 बजे से 5:00 बजे तक किया जाएगा।

सत्रों का सीधा प्रसारण एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा तथा इनका समानांतर प्रसारण पीएम ईविद्या डीटीएच टीवी चैनलों (6-12) और जियो टीवी मोबाइल एप्लिकेशन पर भी किया जाएगा। प्रतिभागियों को एक विशेष यूट्यूब प्लेलिस्ट के माध्यम से प्रशिक्षण की रिकॉर्डिंग तक भी पहुँच मिलेगी, जिससे वे सामग्री को पुनः देख सकें, अपनी समझ को सुदृढ़ कर सकें और अपने शैक्षिक तथा वित्तीय संदर्भों में व्यावहारिक रूप से लागू कर सकें।

प्रशिक्षण के उद्देश्य:

प्रशिक्षण श्रृंखला पूर्ण होने के उपरांत, शिक्षार्थी सक्षम होंगे—

  1. डिजिटल परिवेश में वित्तीय सुरक्षा की प्रमुख अवधारणाओं और चुनौतियों को समझने में।
  2. सामान्य वित्तीय धोखाधड़ियों की पहचान करने और उनसे बचाव हेतु निवारक उपायों का अन्वेषण करने में।
  3. शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं प्रशासकों के बीच जिम्मेदार एवं सुरक्षित वित्तीय व्यवहार को प्रोत्साहित करने में।
  4. संस्थागत वित्तीय नीतियों का परीक्षण करने में, जिससे सुरक्षित लेनदेन और उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो सके।
  5. वित्तीय रूप से सुरक्षित, पारदर्शी और लचीले शैक्षिक परिवेश के संवर्धन हेतु व्यावहारिक रणनीतियाँ लागू करने में।

कौन भाग ले सकता है?

छात्र, शिक्षक, शिक्षक प्रशिक्षक, अभिभावक, प्रशासक और वे सभी जो उपरोक्त कार्यक्रम में रुचि रखते हैं।

कार्यक्रम अनुसूची:
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दिन एवं तिथि सत्र का शीर्षक संसाधन व्यक्ति का नाम बैनर प्रस्तुति यूट्यूब लिंक
दिन - 1:
सोमवार
10 नवम्बर, 2025
वित्तीय साइबर अपराध को समझें और इसकी रिपोर्ट कैसे करें श्री पवन सिंह, वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक, आई4सी, गृह मंत्रालय (एमएचए), भारत सरकार Day 1 Presentation_Day 1 Video
दिन - 2:
मंगलवार
11 नवम्बर, 2025
साइबर वित्तीय खतरे उजागर: फ़िशिंग, फर्जी ऐप्स और ऑनलाइन ठगी श्री प्रिंस खान, वरिष्ठ प्रोग्रामर, आई4सी, गृह मंत्रालय (एमएचए), भारत सरकार Day 2 Presentation_Day 2 Video
दिन - 3:
बुधवार
12 नवम्बर, 2025
वित्तीय साइबर अपराध की कार्यप्रणाली: डिजिटल गिरफ्तारी और ऑनलाइन निवेश ठगी को समझें श्री अभिषेक राठौर, वरिष्ठ प्रोग्रामर, आई4सी, गृह मंत्रालय (एमएचए), भारत सरकार Day 3 Presentation_Day 3 Video
दिन - 4:
गुरुवार
13 नवम्बर, 2025
वित्तीय साइबर अपराध का नया हथियार: क्रिप्टो ठगी श्री महेश गुप्ता, साइबर अपराध शोधकर्ता, आई4सी, गृह मंत्रालय (एमएचए), भारत सरकार Day 4 Presentation_Day 4 Video
दिन - 5:
शुक्रवार
14 नवम्बर, 2025
वित्तीय साइबर अपराध से खुद को सुरक्षित रखें: बनें साइबर दोस्त! सुश्री निशा पांडे, पेशेवर पारिस्थितिकी तंत्र विशेषज्ञ, आई4सी, गृह मंत्रालय (एमएचए), भारत सरकार Day 5 Presentation_Day 5 Video

आयोजक टीम

कार्यक्रम सलाहकार:

प्रो. अमरेन्द्र प्र. बेहेरा, (अल्पकालीन) संयुक्त निदेशक एवं प्रमुख- जनसंपर्क विभाग (PRD), केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली

प्रो. इंदु कुमार, प्रमुख, डीआईसीटी एवं टीडी, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली।


कार्यक्रम समन्वयक एवं पाठ्यक्रम समन्वयक :

डॉ. एंजेल रत्नाबाई, एसोसिएट प्रोफेसर, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली।


तकनीकी समन्वयक:

श्री सोमेश कुमार, जूनियर प्रोजेक्ट फेलो, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली।


प्रतिभागिता की प्रक्रिया

चरण 1 : पंजीकरण:
प्रप्रतिभागियों को निम्नलिखित लिंक अथवा क्यूआर कोड के माध्यम से पंजीकरण करना होगा: https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdQ3OfYYOGiW4e-Ta9Hg6QMuLtqaS6T0O7x84eP2ek9VGfomA/viewform या QR कोड स्कैन करें -

चरण 2 : लाइव सत्र देखना एवं सीखना
प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सत्रों में सम्मिलित होना होगा जो एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल http://youtube.com/ncertofficial पर 06–10 अक्टूबर 2025, शाम 4:00 बजे से 5:00 बजे तक (सोमवार से शुक्रवार)लाइव प्रसारित किए जाएंगे।


सत्र निम्न माध्यमों पर भी लाइव प्रसारित किए जाएंगे:
  • पीएम ईविद्या चैनल #6-12
  • डीडी फ्री डिश चैनल
  • डिश टीवी चैनल #2027-2033
  • जियो टीवी मोबाइल ऐप

यदि कोई प्रतिभागी लाइव सत्र नहीं देख पाता है, तो वह रिकॉर्डिंग निम्नलिखित प्लेलिस्ट लिंक से देख सकता है:
https://youtube.com/playlist?list=PLcsj1x9n9h4hVooUC1fdX1dsYp7qUJcEp&si=IfF04n9wqc36JJCq


चरण 3: ऑनलाइन कोर्स में भाग लें, पोस्ट-आकलन में हिस्सा लें और प्रमाणपत्र प्राप्त करें:

जो प्रतिभागी प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:

  • जो प्रतिभागी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के इच्छुक हैं, उन्हें दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन कोर्स से जुड़ना होगा।
    पाठ्यक्रम लिंक: https://learning.diksha.gov.in/diksha/course.php?id=913§ion=1991
    यह कोर्स 15 मार्च 2026 तक खुला रहेगा।
  • प्रतिभागियों को कोर्स में शामिल होना होगा और सभी पांच वीडियो देखने होंगे।
  • प्रतिभागियों को अंतिम मूल्यांकन देना अनिवार्य है। प्रतिभागी तीन बार तक मूल्यांकन का प्रयास कर सकते हैं।
  • जो प्रतिभागी अंतिम मूल्यांकन में 70% या उससे अधिक अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें प्रमाणपत्र दिया जाएगा। प्रमाणपत्र उनके DIKSHA प्रोफ़ाइल पेज पर उपलब्ध होगा। प्रमाणपत्र प्राप्त करने में 15–20 दिन का समय लग सकता है।

चरण 4: फीडबैक जमा करें:प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे निम्न लिंक का उपयोग करके फीडबैक जमा करें:
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfRx5Qh7nyetwcGEyiKetNWRkJCRLwsiY0CgDMfcbsIPkmK5w/viewform?usp=header

यह प्रतिपुष्टि फॉर्म प्रतिभागियों के अनुभव, सीखने और सुझावों को संकलित करने हेतु है ताकि भविष्य के प्रशिक्षणों में और सुधार किया जा सके।

किसी भी जानकारी के लिए, यहां मेल करें: training.helpdesk@ciet.nic.in या कॉल करें: 8800440559.

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