शिक्षण-अधिगम को बेहतर बनाने हेतु माइक्रो लर्निंग एवं नैनो कोर्स

Watermark of CIET LOGO

पाँच घंटे की ऑनलाइन प्रशिक्षण श्रृंखला


“शिक्षण-अधिगम को बेहतर बनाने हेतु माइक्रो लर्निंग एवं नैनो कोर्स”

डिजिटल शिक्षा के बदलते परिदृश्य में माइक्रोलर्निंग और नैनो पाठ्यक्रम एक प्रभावशाली शिक्षण विधि के रूप में उभर कर सामने आए हैं, जो विषयवस्तु की सटीकता, वैयक्तिकरण और लचीलापन को प्राथमिकता देते हैं। ये प्रारूप आज के शिक्षार्थियों की गति और पसंद के अनुसार ढाले गए हैं, जो संक्षिप्त और रोचक रूप में लक्षित ज्ञान प्रदान करते हैं। इन्हें दैनिक जीवनचर्या में आसानी से शामिल किया जा सकता है, जिससे सतत अधिगम के लिए एक सुलभ, अनुकूल और आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप अवसर प्राप्त होते हैं। इस प्रशिक्षण श्रृंखला का उद्घाटन सत्र माइक्रोलर्निंग के मूल सिद्धांतों, इसकी संभावनाओं और वर्तमान शैक्षिक परिवेश में इसके बढ़ते महत्व पर केंद्रित है।

वर्तमान समय में जब माड्यूलर और परिणाम-आधारित सामग्री की मांग बढ़ रही है, तो प्रभावी शैक्षणिक डिज़ाइन की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। केवल संक्षिप्तता पर्याप्त नहीं होती—एक सफल माइक्रोलर्निंग अनुभव के लिए स्पष्ट संरचना, उद्देश्य से मेल और विषयवस्तु की स्पष्टता अनिवार्य होती है। प्रशिक्षण के अगले सत्रों में ऐसे डिजिटल शिक्षण मॉड्यूल की डिज़ाइन पर ध्यान केंद्रित किया गया है जो छोटे होते हुए भी विषय की गहराई को बनाए रखें और शिक्षार्थियों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करें। इसमें संज्ञानात्मक अनुक्रम (Cognitive Sequencing), लक्ष्य संरेखण (Goal Alignment) और समावेशी डिज़ाइन (Inclusive Design) को विशेष महत्व दिया गया है, ताकि छोटी सामग्री भी प्रभावशाली और प्रसंगानुकूल बनी रहे।

छोटे प्रारूप की शिक्षा को अधिक आकर्षक और सुलभ बनाने में मल्टीमीडिया और इंटरएक्टिव उपकरणों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इनका सोच-समझकर किया गया उपयोग स्थिर सामग्री को एक जीवंत अनुभव में बदल देता है, जिससे शिक्षार्थी रीयल टाइम में संवाद कर सकते हैं, सोच सकते हैं और प्रतिक्रिया दे सकते हैं। इस प्रशिक्षण में विभिन्न मीडिया प्रारूपों और इंटरएक्टिव घटकों की जानकारी दी जाएगी जो बहु-इंद्रिय अनुभव, संज्ञानात्मक सक्रियता और वैविध्यपूर्ण शिक्षण को प्रोत्साहित करते हैं| इस प्रकार विभिन्न मंचों पर शिक्षार्थियों की यात्रा को समृद्ध बनाया जा सकेगा।

किसी भी प्रभावी शिक्षण की नींव शिक्षार्थी की संलग्नता (Engagement) होती है। इस कार्यक्रम में एक विशेष सत्र इस बात पर केंद्रित है कि माइक्रो और नैनो पाठ्यक्रमों के माध्यम से शिक्षार्थियों को कैसे जोड़कर रखा जाए। इसमें सहभागिता, प्रेरणा, व्यक्तिगत प्रासंगिकता और ध्यान बनाए रखने पर विशेष बल दिया गया है। चर्चा में कहानी-आधारित शिक्षण, गेमिफाइड कंटेंट, साथियों से फीडबैक और सक्रिय शिक्षण विधियों की भूमिका को रेखांकित किया जाएगा, जिससे सीखने की प्रक्रिया में गहराई और जुड़ाव सुनिश्चित हो सके।

मूल्यांकन और फीडबैक किसी भी शिक्षण प्रक्रिया के अनिवार्य घटक होते हैं। माइक्रोलर्निंग में इन्हें प्रक्रिया के भीतर ही समाहित करना चाहिए, ताकि ये त्वरित और रूपांतरणकारी (Formative) हो सकें। प्रशिक्षण के अंतिम सत्र में यह समझाया जाएगा कि अल्पकालिक पाठ्यवस्तु में प्रभावी मूल्यांकन को किस प्रकार एकीकृत किया जा सकता है, जिससे समयोचित और उपयोगी जानकारी प्राप्त हो सके, जो शिक्षण और अधिगम दोनों को बेहतर बनाए। साथ ही, रीयल टाइम ट्रैकिंग, स्वचालित फीडबैक और दक्षता प्रमाणीकरण में सहायक डिजिटल टूल्स पर भी चर्चा की जाएगी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की परिकल्पना के अनुरूप, सीआईईटी-एनसीईआरटी द्वारा आयोजित यह पाँच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम माइक्रोलर्निंग और नैनो पाठ्यक्रमों की व्यापक समझ विकसित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसका अंग्रेज़ी संस्करण 14 जुलाई से 18 जुलाई 2025 तथा हिंदी संस्करण 21 जुलाई से 25 जुलाई 2025 तक प्रतिदिन शाम 4:00 बजे से 5:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा। यह पहल शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में लक्षित, लचीले और प्रभावशाली शिक्षण प्रारूपों के समावेशन हेतु आधारभूत समझ और भविष्य उन्मुख अभ्यासों को एक मंच पर लाती है।

सभी सत्र एनसीईआरटी के यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित किए जाएंगे, साथ ही पीएम ई-विद्या डीटीएच टीवी चैनलों (चैनल 6 से 12) और जियो टीवी मोबाइल ऐप पर एक साथ प्रसारण किया जाएगा। प्रतिभागियों को एक समर्पित यूट्यूब प्लेलिस्ट के माध्यम से रिकॉर्डेड सत्रों की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिससे वे मुख्य विषयों को दोबारा देख सकें और उन्हें अपनी शिक्षण-अधिगम प्रक्रियाओं में लागू कर सकें।

प्रशिक्षण के उद्देश्य:​

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद प्रतिभागी:

  1. माइक्रोलर्निंग और नैनो पाठ्यक्रमों के मूलभूत सिद्धांतों को समझना|
  2. संरचित और परिणाम-आधारित डिजिटल शिक्षण मॉड्यूल डिज़ाइन करना|
  3. मल्टीमीडिया और इंटरएक्टिव तत्वों का प्रभावी एकीकरण करना|
  4. स्व-गति और दक्षता-आधारित अधिगम को बढ़ावा देना|
  5. उपयुक्त मूल्यांकन और फीडबैक प्रणाली को लागू करना|
  6. अल्पकालिक सामग्री में गुणवत्ता, सुलभता और विस्तार-क्षमता के मानकों को बनाए रखना|
कौन भाग ले सकता है?

छात्र, शिक्षक, शिक्षक प्रशिक्षक, अभिभावक, प्रशासक और वे सभी जो उपरोक्त कार्यक्रम में रुचि रखते हैं।

कार्यक्रम अनुसूची:
Page Title
दिन व तिथि सत्र का शीर्षक विशेषज्ञ बैनर लिंक प्रस्तुति लिंक विडियो लिंक
दिन - 1:
सोमवार, 21 जुलाई 2025
माइक्रो एवं नैनो-लर्निंग: अवधारणा, आवश्यकता और क्षेत्र डॉ. गौरव सिंह प्रोफेसर,केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान, एनसीईआरटी, नई दिल्ली Day 1 Presentation-1 Video
दिन - 2:
मंगलवार, 22 जुलाई 2025
संक्षिप्त डिजिटल मॉड्यूल्स की शैक्षिक रूपरेखा डॉ. आर.सी. शर्मा, पूर्व निदेशक, कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया (CEMCA), नई दिल्ली Day 2 Presentation-2 Video
दिन - 3:
बुधवार, 23 जुलाई 2025
मल्टीमीडिया एवं इंटरैक्टिव उपकरणों का समन्वय डॉ. मोहम्मद मामूर अली, सहायक प्रोफेसर, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली Day 3 Presentation-3 Video
दिन - 4:
गुरूवार, 24 जुलाई 2025
माइक्रो एवं नैनो कोर्स में शिक्षार्थियों की सहभागिता सुश्री डेज़ी वधवा, सहायक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस एंड एप्लिकेशन विभाग, गुरु नानक खालसा कॉलेज फॉर विमेन, लुधियाना, पंजाब Day 4 Presentation-4 Video
दिन - 5:
शुक्रवार, 25 अगस्त 2025
माइक्रो लर्निंग में मूल्यांकन और फीडबैक डॉ. अरुण प्रताप सिकरवार, सह आचार्य, विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग, एनसीईआरटी, नई दिल्ली Day 5 Presentation-5 Video

आयोजक समूह:

कार्यक्रम सलाहकार:

प्रो. इंदु कुमार, विभागाध्यक्ष - डीआईसीटी, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली।


कार्यक्रम समन्वयक एवं पाठ्यक्रम समन्वयक :

डॉ. एंजल रत्नाबाई, एसोसिएट्स प्रोफेसर, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली।


तकनीकी समन्वयक :

श्री गुरजीत सिंह, सीनियर रिसर्च एसोसिएट, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली।



कैसे भाग लें?

चरण 1 : पंजीकरण :
प्रतिभागियों को निम्नलिखित लिंक या क्यूआर कोड का उपयोग करके पंजीकरण करना होगा: https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSe1bi6seDxgWW0DIWT6YDjxBlUdNmfr0wxwBDWjOZivvIZ29g/viewform?usp=dialog​ या नीचे दिए गए QR कोड को स्कैन करके पंजीकरण करें। -

चरण 2: सीधा प्रसारण सत्र देखें और विषय के बारे में जानें :  :
प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सत्र में भाग लेना होगा, जिसका एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल - http://youtube.com/ncertofficial पर सीधा प्रसारण 21 से 25 जुलाई 2025 को शाम 4.00 बजे से 5.00 बजे (सोमवार से शुक्रवार) तक किया जाएगा। सत्र का सीधा प्रसारण निम्नलिखित चैनलों पर भी किया जाएगा :

  • पीएम ईविद्या चैनल #6-12
  • डीडी फ्री डिश चैनल
  • डिश टीवी चैनल #2027-2033
  • जियो टीवी मोबाइल ऐप

यदि आप किन्ही कारणों से लाइव सत्र नहीं देख पाते हैं, तो आप दिए गए प्लेलिस्ट लिंक का उपयोग करके रिकॉर्डिंग देख सकते हैं: https://youtube.com/playlist?list=PLcsj1x9n9h4jxWdcDqTUQFcvUcwDLXfcE&si=EZt7M9LKq3HZYDeZ


चरण 3: ऑनलाइन पाठ्यक्रम में नामांकन करें, सत्रोत्तर गतिविधि में भाग लें और प्रमाण पत्र प्राप्त करें:

यदि आप प्रमाणपत्र प्राप्त करने में रुचि रखते हैं, तो आपको निम्नलिखित कार्य करना होगा:

  • दीक्षा पोर्टल पर लॉन्च होने वाले ऑनलाइन पाठ्यक्रम में शामिल हों।
    पाठ्यक्रम लिंक :https://learning.diksha.gov.in/diksha/course.php?id=774§ion=1737&modeActive=4013
    यह कोर्स 15 मार्च , 2026 तक खुला रहेगा।
  • प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम में शामिल होना होगा, सभी पांचों वीडियो देखने होंगे।
  • प्रतिभागियों को अंतिम मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। प्रतिभागी तीन बार मूल्यांकन का प्रयास कर सकते हैं।
  • अंतिम मूल्यांकन में 70% और उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र मिलेगा और वे अपने दीक्षा प्रोफ़ाइल पृष्ठ पर ही अपना प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। सर्टिफिकेट मिलने में 15-20 दिन का समय लग सकता है।

चरण 4 : अपनी प्रतिक्रिया दें :प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे दिए गए लिंक या क्यूआर कोड का उपयोग करके फीडबैक प्रस्तुत करें - -
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfw2yzDl9eo4xXsc18Flg-PF_3H0_h-FFPOOCK75kktX8LrWA/viewform?usp=dialog

या क्यूआर कोड स्कैन करें-

यह प्रतिक्रिया फॉर्म आपके अनुभवों, आपके सीखने और ऑनलाइन प्रशिक्षण के संबंध में सुझावों को जानने के लिए बनाया गया है। कृपया हमारे साथ अपने अनुभवों और सुझावों को साझा करें। यह हमें वर्चुअल प्रशिक्षण प्रक्रिया में और सुधार करने में मदद करेगा। आपकी प्रतिक्रियाओं की गोपनीयता सुनिश्चित रखी जाएगी।

किसी भी जानकारी के लिए, यहां मेल करें : training.helpdesk@ciet.nic.in or call: 8800440559.

© 2025 | Developed by CIET, NCERT | Hosted by NIC