साइबर स्पेस में सुरक्षा

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ऑनलाइन प्रशिक्षण

"साइबरस्पेस में सुरक्षा"

शिक्षा, संचार और दैनिक जीवन में डिजिटल उपकरणों की बढ़ती भूमिका ने जहाँ अनेक लाभ प्रदान किए हैं, वहीं इससे कुछ गंभीर चुनौतियाँ भी उत्पन्न हुई हैं। आज जब इंटरनेट सीखने और संवाद का एक प्रमुख माध्यम बन गया है, तो यह आवश्यक है कि सभी व्यक्ति डिजिटल माध्यमों का सुरक्षित और सक्षम उपयोग करने की मूल बातें समझें। साइबरस्पेस से जुड़ी विभिन्न जोखिमों को पहचानना और उनका समाधान करना अब हम सभी की साझा ज़िम्मेदारी है।

डिजिटल सहभागिता को सक्षम करने वाला ढाँचा मज़बूत और सुरक्षित होना चाहिए। इससे जुड़ी तकनीकों, सुरक्षा उपायों और रोकथाम के तरीकों की सम्यक समझ रखना ऑनलाइन खतरों से बचाव के लिए अनिवार्य है। प्रतिभागियों को सामान्य जोखिमों की पहचान करनी चाहिए और डिजिटल दुनिया में अपने व्यक्तिगत एवं पेशेवर कार्यों को सुरक्षित रखने के लिए उपयुक्त उपाय अपनाने चाहिए।

इसके साथ ही, ऑनलाइन वातावरण का मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर प्रभाव भी एक महत्त्वपूर्ण विषय है। डिजिटल माध्यमों से निरंतर संपर्क, साइबरबुलिंग और ऑनलाइन-ऑफलाइन जीवन के बीच सीमाओं की कमी से मानसिक तनाव बढ़ सकता है। यह आवश्यक हो गया है कि हम यह समझें कि डिजिटल आदतें हमारे सोचने और महसूस करने के तरीकों को कैसे प्रभावित करती हैं, और मानसिक सुदृढ़ता को बढ़ाने के उपायों को अपनाएँ।

डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकता है। जैसे गलत मुद्रा, आँखों पर ज़ोर, थकावट और शारीरिक निष्क्रियता। इसलिए यह आवश्यक है कि हम उपकरणों का उपयोग सोच-समझकर करें और स्क्रीन समय के साथ स्वस्थ जीवनशैली का संतुलन बनाए रखें।

डिजिटल मंचों पर सामाजिक व्यवहार और नैतिक जागरूकता भी अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। हम ऑनलाइन संवाद कैसे करते हैं, जानकारी कैसे साझा करते हैं और दूसरों के साथ किस प्रकार का व्यवहार करते हैं, यह सब एक समावेशी और सुरक्षित डिजिटल संस्कृति को आकार देता है। इसलिए, साइबर दुनिया में ज़िम्मेदारी, संवेदनशीलता और ईमानदारी के मूल्यों को बढ़ावा देना आवश्यक है।

इन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सीआईईटी-एनसीईआरटी द्वारा “साइबरस्पेस में सुरक्षा” विषय पर पाँच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में देशभर के विशेषज्ञ तकनीकी, मानसिक, शारीरिक, नैतिक और कानूनी पहलुओं पर विचार-विमर्श करेंगे। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को जिम्मेदार डिजिटल नागरिक के रूप में सशक्त बनाना और उन्हें साइबर खतरों से सुरक्षा के लिए तैयार करना है।

यह प्रशिक्षण दो संस्करणों में आयोजित किया जाएगा: अंग्रेज़ी संस्करण 5 से 9 मई 2025 तक तथा हिंदी संस्करण 12 से 16 मई 2025 तक, प्रतिदिन शाम 4:00 से 5:00 बजे तक। सभी सत्र सीआईईटी-एनसीईआरटी स्टूडियो से एनसीईआरटी के यूट्यूब चैनल, पीएम ई-विद्या डीटीएच चैनल (6 से 12) और जियो टीवी मोबाइल ऐप पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। सभी सत्रों की रिकॉर्डिंग भी प्लेलिस्ट में उपलब्ध कराई जाएगी ताकि प्रशिक्षण सामग्री तक निरंतर पहुँच बनी रहे।

उद्देश्यः

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद प्रतिभागी:

  1. डिजिटल जोखिमों और सुरक्षा उपायों को समझना।
  2. ऑनलाइन व्यवहार से जुड़ी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का समाधान करना।
  3. डिजिटल उपकरणों के उपयोग में स्वस्थ शारीरिक अभ्यासों को बढ़ावा देना।
  4. वर्चुअल परिवेश में नैतिक आचरण को प्रोत्साहित करना।
  5. साइबर सुरक्षा से संबंधित कानूनी संरक्षणों की जानकारी प्राप्त करना।
  6. जिम्मेदार और सूचित डिजिटल नागरिकता का निर्माण करना।

कौन भाग ले सकता है?

छात्र, शिक्षक, शिक्षक प्रशिक्षक, अभिभावक, प्रशासक और वे सभी जो उपरोक्त कार्यक्रम में रुचि रखते हैं।

कार्यक्रम अनुसूची:
Page Title
दिन व तिथि सत्र का शीर्षक विशेषज्ञ बैनर लिंक प्रस्तुति लिंक विडियो लिंक
दिन - 1:
सोमवार 12 मई 2025
साइबर सुरक्षा के तकनीकी पहलू श्री संदीप, उप-प्रधानाचार्य, जेएनयू परिसर, नई दिल्ली दिल्ली
दिन - 2:
मंगलवार 13 मई 2025
साइबर सुरक्षा के मनोवैज्ञानिक पहलू डॉ यतनपाल सिंह बल्हारा प्राध्यापक (मनोरोग विज्ञान) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) नई दिल्ली
दिन - 3:
बुधवार 14 मई 2025
साइबर सुरक्षा के शारीरिक (स्वास्थ्य संबंधी) पहलू डॉ. अस्मिता वशिष्ठ, सीनियर रेजिडेंट, नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर, एम्स, नई दिल्ली
दिन - 4:
गुरूवार 15 मई 2025
साइबर सुरक्षा के सामाजिक-नैतिके पहलू श्री मनोज कुमार, प्रधानाचार्य, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय 25 जेएसएन, हनुमानगढ़, राजस्थान
दिन - 5:
शनिवार 16 मई 2025
साइबर सुरक्षा के कानूनी पहलू सुश्री मोहिनी अरोड़ा, उपप्रधानाचार्य, एयर फ़ोर्स गोल्डन जुबिली संस्थान, सुब्रोतो पार्क, नई दिल्ली

आयोजक समूह:

कार्यक्रम सलाहकार:

प्रो. इंदु कुमार, विभाग प्रमुख-डीआईसीटी, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली।


कार्यक्रम समन्वयक एवं पाठ्यक्रम समन्वयक :

डॉ. एंजल रत्नाबाई, एसोसिएट प्रोफेसर, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली।


तकनीकी समन्वयक:

श्री गुरजीत सिंह, जूनियर प्रोजेक्ट फेलो, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली।



कैसे भाग लें?

चरण 1 : पंजीकरण:
प्रतिभागियों को निम्नलिखित लिंक या क्यूआर कोड का उपयोग करके पंजीकरण करना होगा - https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeNezSbAEGw9hf9_JPsryJFrMoYmCq42aPmHk2VczmXZP498w/viewform?usp=dialog या QR कोड स्कैन करें -

चरण 2 : सीधा प्रसारण सत्र देखें और विषय के बारे में जानें :
प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सत्र में भाग लेना होगा, जिसका एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल - http://youtube.com/ncertofficial पर सीधा प्रसारण 12 से 16 मई 2025 को शाम 4.00 बजे से 5.00 बजे (सोमवार से शुक्रवार) तक किया जाएगा। सत्र का सीधा प्रसारण निम्नलिखित चैनलों पर भी किया जाएगा :

  • पीएम ईविद्या चैनल #6-12
  • डीडी फ्री डिश चैनल
  • डिश टीवी चैनल #2027-2033
  • Jio टीवी मोबाइल ऐप

यदि आप किन्ही कारणों से लाइव सत्र नहीं देख पाते हैं, तो आप दिए गए प्लेलिस्ट लिंक का उपयोग करके रिकॉर्डिंग देख सकते हैं: https://youtube.com/playlist?list=PLcsj1x9n9h4g5org3xmh3yReZfQ7iAtlC&si=694l0GZDomjsAZcO


चरण 3: ऑनलाइन पाठ्यक्रम में नामांकन करें, सत्रोत्तर गतिविधि में भाग लें और प्रमाण पत्र प्राप्त करें:

यदि आप प्रमाणपत्र प्राप्त करने में रुचि रखते हैं, तो आपको निम्नलिखित कार्य करना होगा:

  • दीक्षा पोर्टल पर लॉन्च होने वाले ऑनलाइन पाठ्यक्रम में शामिल हों। प्रशिक्षण के अंतिम दिन शाम 7 बजे तक पाठ्यक्रम लिंक इवेंट पेज पर अपडेट कर दिया जाएगा।
  • प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम में शामिल होना होगा, सभी पांचों वीडियो देखने होंगे।
  • प्रतिभागियों को अंतिम मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। प्रतिभागी तीन बार मूल्यांकन का प्रयास कर सकते हैं। 
  • अंतिम मूल्यांकन में 70% और उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र मिलेगा और वे अपने दीक्षा प्रोफ़ाइल पृष्ठ पर ही अपना प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। सर्टिफिकेट मिलने में 15-20 दिन का समय लग सकता है।

चरण 4 : अपनी प्रतिक्रिया दें :प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे दिए गए लिंक या क्यूआर कोड का उपयोग करके फीडबैक प्रस्तुत करें -
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfOdxIp_kJxeQg2v7Okl07KZcgfyXJoaKZEica-AfUtFZjm1A/viewform?usp=dialog

यह प्रतिक्रिया फॉर्म आपके अनुभवों, आपके सीखने और ऑनलाइन प्रशिक्षण के संबंध में सुझावों को जानने के लिए बनाया गया है। कृपया हमारे साथ अपने अनुभवों और सुझावों को साझा करें। यह हमें वर्चुअल प्रशिक्षण प्रक्रिया में और सुधार करने में मदद करेगा। आपकी प्रतिक्रियाओं की गोपनीयता सुनिश्चित रखी जाएगी।

किसी भी जानकारी के लिए, यहां मेल करें: training.helpdesk@ciet.nic.in या कॉल करें: 8800440559.

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