पाँच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण श्रृंखला
"गोपनीयता एवं डेटा संरक्षण"
आज के डिजिटल परिवेश में संस्थागत एवं व्यक्तिगत डेटा की बड़ी मात्रा ऑनलाइन प्रणालियों के माध्यम से संग्रहीत
और साझा की जाती है। विद्यालय और अन्य शैक्षिक संस्थान शिक्षण-अधिगम गतिविधियों को समर्थन देने, संचार का
सुव्यवस्थित प्रबंधन करने, प्रशासनिक दस्तावेज़ों को संग्रहीत करने और विद्यार्थी-संबंधी सूचनाओं को सुरक्षित
रखने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते हैं। यद्यपि ये तकनीकें कार्यकुशलता एवं सुगम पहुँच में उल्लेखनीय
वृद्धि करती हैं, तथापि इनके साथ डेटा लीक, अनधिकृत पहुँच, निगरानी एवं व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग जैसे
गंभीर जोखिम भी विद्यमान रहते हैं। अतः, डेटा गोपनीयता एवं संरक्षण सुनिश्चित करना शिक्षा क्षेत्र से जुड़े
प्रत्येक व्यक्ति एवं संस्थान का अत्यंत महत्वपूर्ण और अनिवार्य दायित्व बन गया है।
डेटा उल्लंघन, रैनसमवेयर हमले, असुरक्षित मोबाइल अनुप्रयोग, कमज़ोर पासवर्ड, और व्यक्तिगत विवरणों को अनौपचारिक
रूप से साझा करने जैसी साइबर समस्याएँ तेजी से बढ़ती जा रही हैं। व्यक्तियों को नुकसान पहुँचाने के अलावा, ये
जोखिम संस्थागत कार्यों में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर विश्वास को कमज़ोर कर सकते हैं।
ऐसे जोखिमों को कम करने के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षक, विद्यालय प्रमुख तथा प्रशासक डेटा गोपनीयता के मूल
सिद्धांतों को समझें, सुरक्षित डेटा-प्रबंधन प्रक्रियाएँ अपनाएँ, सुरक्षित प्रमाणीकरण तकनीकों का उपयोग करें, और
जानकारी चोरी करने या उसका दुरुपयोग करने के प्रयासों को पहचान सकें। इन कौशलों का विकास आधुनिक शिक्षण वातावरण
में डिजिटल साक्षरता का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
यद्यपि व्यक्तिगत जागरूकता महत्वपूर्ण है, फिर भी डेटा की सुरक्षा में संस्थाओं की केंद्रीय भूमिका होती है।
स्कूलों और शैक्षिक प्राधिकरणों को मजबूत गोपनीयता नीतियाँ अपनानी चाहिए, सूचनाओं को सुरक्षित रखना चाहिए,
एन्क्रिप्शन और बैकअप का उपयोग करना चाहिए, और यह तय करना चाहिए कि संवेदनशील डेटा तक किसे पहुँच मिले। नियमित
ऑडिट, डिजिटल उपकरणों के उचित उपयोग, और डेटा प्रक्रियाओं में पारदर्शिता से ऐसी संस्कृति विकसित होती है जिसमें
गोपनीयता, सुरक्षा और जवाबदेही को महत्व दिया जाता है। छात्रों, शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों को उचित
डिजिटल व्यवहार का प्रशिक्षण देना एक सुरक्षित और विश्वसनीय डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में अत्यंत
सहायक सिद्ध होता है।
“गोपनीयता एवं डेटा संरक्षण” पर आधारित यह ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों और संस्थागत हितधारकों के ज्ञान
और क्षमताओं को बढ़ाने का उद्देश्य रखता है। व्यावहारिक प्रदर्शनों के साथ, यह प्रशिक्षण इस बात की वैचारिक समझ
भी प्रदान करेगा कि डेटा कैसे एकत्रित, संग्रहीत और प्रसारित किया जाता है तथा कमजोरियों (संवेदनशील बिंदुओं) का
समाधान कैसे किया जा सकता है। प्रतिभागी यह सीखेंगे कि व्यक्तिगत और संस्थागत डेटा को कैसे सुरक्षित रखा जाए,
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के दुरुपयोग को कैसे रोका जाए, और शिक्षार्थियों तथा सहकर्मियों के बीच जिम्मेदार डेटा
प्रथाओं (नैतिक और सावधानीपूर्ण तरीके) को कैसे प्रोत्साहित किया जाए।
यह परियोजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) का समर्थन करती है, जो स्कूलों में डिजिटल साक्षरता, साइबर
सुरक्षा और प्रौद्योगिकी के जिम्मेदार उपयोग के महत्व को रेखांकित करती है। छात्रों को डिजिटल परिवेश में
सुरक्षित और जिम्मेदारीपूर्वक संचालित होने में सक्षम बनाने के लिए एनईपी 2020 (पैरा 23.6) शिक्षक प्रशिक्षण और
कक्षा-प्रक्रियाओं में साइबर सुरक्षा को शामिल करने की आवश्यकता पर बल देती है। इसी उद्देश्य के अनुरूप,
केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी)-एनसीईआरटी, शिक्षा मंत्रालय, सूचना सुरक्षा शिक्षा एवं
जागरूकता (आईएसईए)-सीडीएसी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारत सरकार के सहयोग से
पाँच घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहा है।
इस प्रशिक्षण का हिंदी संस्करण 08 से 12 दिसंबर तक संचालित किया जाएगा। कार्यक्रम का
सीधा प्रसारण प्रतिदिन अपराह्न 4:00 बजे से 5:00 बजे तक किया जाएगा।
सत्रों का सीधा प्रसारण एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा तथा इनका समानांतर प्रसारण पीएम ईविद्या डीटीएच टीवी चैनलों (6-12) और जियो टीवी मोबाइल एप्लिकेशन पर भी किया जाएगा। प्रतिभागियों को एक विशेष यूट्यूब प्लेलिस्ट के माध्यम से प्रशिक्षण की रिकॉर्डिंग तक भी पहुँच मिलेगी, जिससे वे सामग्री को पुनः देख सकें, अपनी समझ को सुदृढ़ कर सकें और अपने शैक्षिक तथा वित्तीय संदर्भों में व्यावहारिक रूप से लागू कर सकें।
प्रशिक्षण के उद्देश्य:
प्रशिक्षण श्रृंखला पूर्ण होने के उपरांत, शिक्षार्थी सक्षम होंगे—
- डेटा गोपनीयता और संरक्षण से संबंधित प्रमुख अवधारणाओं और चुनौतियों को समझने में।
- सामान्य डेटा-संबंधी खतरों की पहचान करने और उनसे बचाव की रणनीतियाँ सिखने में।
- संस्थानों में जिम्मेदार और गोपनीयता-सचेत डिजिटल व्यवहार को बढ़ावा देने में।
- सुरक्षित और जवाबदेह डेटा प्रबंधन के लिए संस्थागत डेटा नीतियों की समीक्षा करने में।
- गोपनीयता-सचेत और सुरक्षित शैक्षिक वातावरण बनाने हेतु व्यावहारिक उपायों को लागू करने में।
कार्यक्रम अनुसूची:
| दिन एवं तिथि | सत्र का शीर्षक | संसाधन व्यक्ति का नाम | बैनर | प्रस्तुति | यूट्यूब लिंक |
|---|---|---|---|---|---|
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दिन - 1: सोमवार 08 दिसम्बर, 2025 |
डेटा उल्लंघन और साइबर सुरक्षा | श्री हरप्रीत सिंह, परियोजना प्रबंधक, सी-डैक, मोहाली, पंजाब- 1600721 | Day 1 | Presentation_Day 1 | Video |
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दिन - 2: मंगलवार 09 दिसम्बर, 2025 |
उपभोक्ता अधिकार एवं डेटा संरक्षण | श्री शुभम त्रिपाठी, परियोजना अभियंता, सी-डैक, नोएडा, उत्तर प्रदेश- 201307 | Day 2 | Presentation_Day 2 | Video |
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दिन - 3: बुधवार 10 दिसम्बर, 2025 |
उभरती प्रौद्योगिकियों में गोपनीयता जोखिम | श्री अंशुल टेलर, परियोजना अभियंता, सी-डैक, बेंगलुरु, कर्नाटक- 560100 | Day 3 | ||
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दिन - 4: गुरुवार 11 दिसम्बर, 2025 |
कार्यस्थल में डेटा गोपनीयता | श्री शिवांश रघुवंशी, ज्ञान सहायक, सी-डैक, पटना, बिहार- 800001 | Day 4 | ||
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दिन - 5: शुक्रवार 12 दिसम्बर, 2025 |
डेटा गोपनीयता का नैतिकता | श्री के. साई कृष्णा, परियोजना अभियंता, सी-डैक, गुवाहाटी, असम- 781039 | Day 5 | ||
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आयोजक टीम कार्यक्रम सलाहकार:
प्रो. अमरेन्द्र प्र. बेहेरा, (अल्पकालीन) संयुक्त निदेशक एवं प्रमुख- जनसंपर्क
विभाग (PRD), केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई
दिल्ली
कार्यक्रम समन्वयक एवं पाठ्यक्रम समन्वयक : डॉ. एंजेल रत्नाबाई, एसोसिएट प्रोफेसर, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली। तकनीकी समन्वयक: श्री सोमेश कुमार, जूनियर प्रोजेक्ट फेलो, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली। |
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प्रतिभागिता की प्रक्रिया
चरण 1 : पंजीकरण:
प्रप्रतिभागियों को निम्नलिखित लिंक अथवा क्यूआर कोड के माध्यम से पंजीकरण करना
होगा: https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSefTh7SSU89gCBXHYxDtSb6tV5F1F55LTnEXTKw9cwu5tYNnA/viewform
या QR कोड स्कैन करें -
चरण 2 : लाइव सत्र देखना एवं सीखना
प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सत्रों में सम्मिलित होना होगा जो
एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल http://youtube.com/ncertofficial पर 08 से 12 दिसंबर 2025, शाम 4:00 बजे से
5:00 बजे तक (सोमवार से शुक्रवार)लाइव प्रसारित किए जाएंगे।
सत्र निम्न माध्यमों पर भी लाइव प्रसारित किए जाएंगे:
- पीएम ईविद्या चैनल #6-12
- डीडी फ्री डिश चैनल
- डिश टीवी चैनल #2027-2033
- जियो टीवी मोबाइल ऐप
यदि कोई प्रतिभागी लाइव सत्र नहीं देख पाता है, तो वह रिकॉर्डिंग निम्नलिखित प्लेलिस्ट लिंक से देख सकता है:
https://youtube.com/playlist?list=PLcsj1x9n9h4jrzGiByM4eVa6zli2LKCVo&si=KegWkM3usFAPo8HQ
चरण 3: ऑनलाइन कोर्स में भाग लें, पोस्ट-आकलन में हिस्सा लें और प्रमाणपत्र प्राप्त करें:
जो प्रतिभागी प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:
- जो प्रतिभागी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के इच्छुक हैं, उन्हें दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन कोर्स से जुड़ना होगा।
ऑनलाइन कोर्स जॉइन करें: यह कोर्स “दीक्षा” पोर्टल पर लॉन्च किया जाएगा। कोर्स का लिंक प्रशिक्षण के अंतिम दिन शाम 7 बजे तक इवेंट पेज पर अपडेट कर दिया जाएगा।
यह कोर्स 15 मार्च 2026 तक उपलब्ध रहेगा। - प्रतिभागियों को कोर्स में शामिल होना होगा और सभी पांच वीडियो देखने होंगे।
- प्रतिभागियों को अंतिम मूल्यांकन देना अनिवार्य है। प्रतिभागी तीन बार तक मूल्यांकन का प्रयास कर सकते हैं।
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जो प्रतिभागी अंतिम मूल्यांकन में 70% या उससे अधिक अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें प्रमाणपत्र दिया जाएगा। प्रमाणपत्र
उनके DIKSHA प्रोफ़ाइल पेज पर उपलब्ध होगा।
परमाणपत्र प्राप्त करने में 15–20 दिन का समय लग सकता है।
चरण 4: फीडबैक जमा करें:प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे निम्न लिंक का उपयोग करके फीडबैक जमा
करें:
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSexcygTDHaklDiYItIVDoKfvdbrffYNQbPIayGzUlYVvINMcg/viewform
यह प्रतिपुष्टि फॉर्म प्रतिभागियों के अनुभव, सीखने और सुझावों को संकलित करने हेतु है ताकि भविष्य के प्रशिक्षणों में और सुधार किया जा सके।
किसी भी जानकारी के लिए, यहां मेल करें: training.helpdesk@ciet.nic.in या कॉल करें: 8800440559.


