पाँच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण श्रृंखला
"वीडियो संसाधनों के विकास"
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुच्छेद 23.6 के अनुसार, “शिक्षण-अधिगम हेतु ई-सामग्री का विकास सभी राज्यों द्वारा सभी क्षेत्रीय भाषाओं में तथा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT), केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (CIET), केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE), राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (NIOS) और अन्य संस्थाओं/संगठनों द्वारा भी किया जाता रहेगा और इन सामग्रियों को दीक्षा (DIKSHA) प्लेटफ़ॉर्म पर अपलोड किया जाएगा।” यह प्लेटफ़ॉर्म शिक्षकों के व्यावसायिक विकास हेतु ई-सामग्री के माध्यम के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। दीक्षा (DIKSHA) तथा अन्य शैक्षिक प्रौद्योगिकी परियोजनाओं को समर्थन एवं विस्तार देने के लिए केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (CIET) को सशक्त किया जाएगा। विद्यालयों में शिक्षकों को उपयुक्त उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि वे शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में ई-सामग्री का समुचित रूप से एकीकरण कर सकें। सामग्री विकसित करने वालों को उपयोगकर्ता-अनुकूल और गुणवत्तापूर्ण सामग्री तैयार करने में सहायता प्रदान करने हेतु दीक्षा (DIKSHA) / स्वयं (SWAYAM) जैसी प्रौद्योगिकी-आधारित शिक्षा प्लेटफ़ॉर्मों को विद्यालयी और उच्च शिक्षा के साथ अधिक प्रभावी रूप से एकीकृत किया जाएगा तथा इनमें उपयोगकर्ताओं की रेटिंग और समीक्षाएँ भी सम्मिलित की जाएँगी।
इसके अतिरिक्त, ई-सामग्री (eContent) शिक्षण को और अधिक सुविधाजनक तथा प्रभावी बनाती है। डिजिटल संसाधनों की व्यापक उपलब्धता के कारण शिक्षक अपने विषयों में नवीनतम विकास और खोजों को प्रतिबिंबित करने हेतु जानकारी को शीघ्रता से अद्यतन और संशोधित कर सकते हैं। पारंपरिक मुद्रित सामग्री की तुलना में ई-सामग्री समय और संसाधनों की बचत भी करती है, क्योंकि यह शिक्षण सामग्री के वितरण और साझा करने की प्रक्रिया को सरल बनाती है। साथ ही, ई-सामग्री शिक्षकों को विद्यार्थियों की प्रगति को मापने और निगरानी करने की क्षमता प्रदान करती है, जिससे उन्हें विद्यार्थियों की मजबूतियों और उन क्षेत्रों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है, जिन्हें अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो सकती है। ई-सामग्री का निर्माण विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा में सक्रिय रूप से भाग लेने में सक्षम बनाता है, जटिल अवधारणाओं की गहन समझ को प्रोत्साहित करता है, और विभिन्न अधिगम वरीयताओं को ध्यान में रखते हुए सीखने को अधिक अनुकूल बनाता है।
आज के डिजिटल युग में, ई-सामग्री का एक महत्वपूर्ण भाग होने के नाते वीडियो संसाधनों की उपयोगिता और माँग अत्यधिक बढ़ गई है। वीडियो प्रौद्योगिकी ने वर्षों में उल्लेखनीय विकास किया है, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न प्रारूपों, उपकरणों और अनुप्रयोगों का निर्माण हुआ है, जिन्होंने वीडियो सामग्री को कैप्चर करने, साझा करने और उपभोग करने के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। गतिशील चित्रों को कैप्चर करने, एन्कोड करने, संप्रेषित करने और प्रदर्शित करने की तकनीकों में हुए नवाचारों ने वीडियो प्रौद्योगिकी के निरंतर विकास को परिभाषित किया है। इन प्रगतियों ने हमारे संवाद करने, मनोरंजन प्राप्त करने, सीखने और संसार को देखने के तरीकों में पूर्णतः परिवर्तन ला दिया है। प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा से लेकर वयस्क अधिगम परिवेश तक, वीडियो सामग्रियों का निर्माण विद्यार्थियों को अवधारणाओं तथा अतिरिक्त जानकारी को स्मरण रखने में सहायता प्रदान करता है और साथ ही उनके ध्यान को केंद्रित करना भी आसान बनाता है। ऑडियो-विज़ुअल प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग के साथ शिक्षण-अधिगम की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। कक्षाओं में इन नवाचारों को लागू करने से अधिगम स्तर के परिणाम अधिक प्रभावी रूप से प्राप्त किए जा सकते हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, CIET–NCERT दिनांक 24–28 नवम्बर, 2025 तक (हिन्दी संस्करण) प्रतिदिन शाम 4:00 बजे से 5:00 बजे तक “वीडियो संसाधनों का विकास” विषय पर पाँच घंटे की ऑनलाइन प्रशिक्षण श्रृंखला आयोजित कर रहा है। इन सत्रों में वीडियो संसाधनों से संबंधित क्या, क्यों और कैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। सत्र एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल http://youtube.com/ncertofficial पर लाइव प्रसारित किए जाएँगे तथा पीएम ई–विद्या डीटीएच टीवी चैनल (6 से 12) और जियो टीवी मोबाइल ऐप पर भी एक साथ प्रसारित होंगे। प्रतिभागी रिकॉर्डेड सत्रों को यूट्यूब पर उपलब्ध समर्पित प्लेलिस्ट के माध्यम से कभी भी पुनः देख सकेंगे।
प्रशिक्षण के उद्देश्य:
प्रशिक्षण श्रृंखला पूर्ण होने के उपरांत, शिक्षार्थी सक्षम होंगे—
- शिक्षण–अधिगम प्रक्रिया में ई-सामग्री के विकास एवं उपयोग से संबंधित नीति–सिफारिशों का वर्णन करना, विशेष रूप से वीडियो संसाधनों के संदर्भ में।
- वीडियो संसाधनों के विभिन्न रूपों की पहचान करना।
- वीडियो संसाधनों के विकास की प्रक्रिया को समझाना।
- वीडियो संसाधनों के लिए उपयुक्त स्क्रिप्ट तैयार करना।
- वीडियो संसाधनों का विकास, संपादन और मूल्यांकन करना।
- विभिन्न प्लेटफ़ॉर्मों के माध्यम से वीडियो संसाधनों का प्रसार करना।
कार्यक्रम अनुसूची:
| दिन एवं तिथि | सत्र का शीर्षक | संसाधन व्यक्ति का नाम | बैनर | प्रस्तुति | यूट्यूब लिंक |
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दिन - 1: सोमवार 24 नवम्बर, 2025 |
वीडियो संसाधन: नीति परिप्रेक्ष्य, अवधारणा, प्रारूप और परिधि |
प्रो. गौरव सिंह प्रोफेसर, मीडिया प्रोडक्शन प्रभाग, सीआईईटी–एनसीईआरटी, श्री अरबिंदो मार्ग, नई दिल्ली – 110016 |
Day 1 | ||
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दिन - 2: मंगलवार 25 नवम्बर, 2025 |
वीडियो संसाधनों के विकास की प्रक्रिया |
डा. जिप्सी मल्होत्रा सहायक प्रोफेसर, मीडिया प्रोडक्शन प्रभाग, सीआईईटी-एनसीईआरटी, श्री अरबिंदो मार्ग, नई दिल्ली – 110016 |
Day 2 | ||
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दिन - 3: बुधवार 26 नवम्बर, 2025 |
स्क्रिप्ट लेखन |
सुश्री बिनीता राय टीवी प्रोड्यूसर, मीडिया प्रोडक्शन प्रभाग,सीआईईटी-एनसीईआरटी, श्री अरबिंदो मार्ग, नई दिल्ली – 110016 |
Day 3 | ||
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दिन - 4: गुरुवार 27 नवम्बर, 2025 |
वीडियो संसाधनों का रिकॉर्डिंग और संपादन |
श्री नीरज कुमार प्रभारी, मीडिया प्रोडक्शन प्रभाग, सीआईईटी-एनसीईआरटी, श्री अरबिंदो मार्ग, नई दिल्ली – 110016 |
Day 4 | ||
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दिन - 5: शुक्रवार 28 नवम्बर, 2025 |
वीडियो संसाधनों का मूल्यांकन एवं प्रसार |
डॉ. रुचि द्विवेदी सहायक प्रोफेसर, मीडिया प्रोडक्शन प्रभाग, सीआईईटी–एनसीईआरटी, श्री अरबिंदो मार्ग, नई दिल्ली – 110016 |
Day 5 | ||
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आयोजक टीम कार्यक्रम सलाहकार:
प्रो. अमरेन्द्र प्र. बेहेरा (कार्यवाहक), संयुक्त निदेशक एवं प्रमुख, पीआरडी, सीआईईटी–एनसीईआरटी, श्री अरबिंदो मार्ग, नई दिल्ली- 110016
कार्यक्रम समन्वयक: डॉ. एंजेल रत्नाबाई, एसोसिएट प्रोफेसर, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी)- एनसीईआरटी, श्री अरबिंदो मार्ग, नई दिल्ली- 110016 पाठ्यक्रम समन्वयक : प्रो. राजेंद्र पाल, प्रोफेसर, एमपीडी, सीआईईटी–एनसीईआरटी, श्री अरबिंदो मार्ग, नई दिल्ली- 110016 तकनीकी समन्वयक: डॉ. गीता धस्माना, शैक्षणिक सलाहकार, सीआईईटी–एनसीईआरटी, श्री अरबिंदो मार्ग, नई दिल्ली- 110016 सुश्री आकांक्षा, शैक्षणिक सलाहकार, सीआईईटी–एनसीईआरटी, श्री अरबिंदो मार्ग, नई दिल्ली- 110016 |
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प्रतिभागिता की प्रक्रिया
चरण 1 : पंजीकरण:
प्रतिभागियों को निम्नलिखित लिंक अथवा क्यूआर कोड के माध्यम से पंजीकरण करना होगा: https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLScu24NRdywdQFk0SCnSZfxfOhmuDi2p9m-DmBz5DvHfI-tlyA/viewform?usp=dialog या QR कोड स्कैन करें -
चरण 2 : लाइव सत्र देखना एवं सीखना
प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सत्रों में सम्मिलित होना होगा जो एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल http://youtube.com/ncertofficial पर 24–28 नवम्बर 2025 (हिन्दी)को सायं 4:00 से 5:00 बजे तक प्रतिदिन प्रसारित किए जाएंगे।
सत्र निम्नलिखित चैनलों पर भी प्रसारित होंगे:
- पीएम ईविद्या चैनल #6-12
- डीडी फ्री डिश चैनल
- डिश टीवी चैनल #2027-2033
- जियो टीवी मोबाइल ऐप
यदि कोई प्रतिभागी लाइव सत्र नहीं देख पाता है, तो वह रिकॉर्डिंग निम्नलिखित प्लेलिस्ट लिंक से देख सकता है:
https://youtube.com/playlist?list=PLcsj1x9n9h4g2MtrdBSVxsd3cenGZc1Ay&si=YK2E4SRg4TdWabZD
चरण 3: ऑनलाइन कोर्स करना, मूल्यांकन में भाग लेना एवं प्रमाणपत्र प्राप्त करना:
जो प्रतिभागी प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:
- दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाने वाले ऑनलाइन पाठ्यक्रम से जुड़ना होगा (कोर्स का लिंक प्रशिक्षण के अंतिम दिन शाम 7 बजे कार्यक्रम पृष्ठ पर अपडेट किया जाएगा)। यह पाठ्यक्रम 15 मार्च 2026 तक खुला रहेगा।
- पाँचों वीडियो देखना अनिवार्य है।
- अंतिम मूल्यांकन में भाग लेना होगा (अधिकतम तीन प्रयास की अनुमति है)।
- अंतिम मूल्यांकन में 70% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा, जिसे वे अपने DIKSHA प्रोफ़ाइल पृष्ठ पर डाउनलोड कर सकेंगे। प्रमाणपत्र प्राप्त करने में 15–20 दिन लग सकते हैं।
चरण 4: प्रतिपुष्टि (फीडबैक) जमा करें: प्रतिभागियों से अनुरोध है कि वे निम्नलिखित लिंक अथवा क्यूआर कोड के माध्यम से अपनी प्रतिपुष्टि दें:
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeYhf9zrLZTt8e3f4pde9Q5Yk9gml8yxsWu492Tt5bQMzD_RQ/viewform?usp=dialog
यह फॉर्म प्रतिभागियों के अनुभव, अधिगम एवं सुझाव जानने हेतु है, जो भविष्य में वर्चुअल प्रशिक्षण प्रक्रिया के और अधिक सुदृढ़ीकरण में सहायक होगा।
किसी भी जानकारी के लिए, यहां मेल करें: training.helpdesk@ciet.nic.in या कॉल करें: 8800440559.


