
पाँच घंटे की प्रशिक्षण श्रृंखला
"प्रौद्योगिकी-शिक्षण पद्धति एकीकरण हेतु शिक्षण-रचना"
टेक्नो-पैडागॉजी, अर्थात् शिक्षण-पद्धति और प्रौद्योगिकी का एकीकरण, शिक्षा के क्षेत्र में एक नवीन
परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है। यह केवल डिजिटल उपकरणों के प्रयोग तक सीमित न रहकर इस बात पर बल देता है कि
ये उपकरण शिक्षण-अधिगम की प्रक्रिया को कैसे अधिक प्रभावी बना सकते हैं। इस परिवर्तन का केन्द्रीय तत्व
है शिक्षण-रचना, जिसके माध्यम से व्यवस्थित रूप से ऐसे अधिगम-अनुभव निर्मित किए जाते हैं जो प्रभावी,
रोचक तथा स्पष्ट रूप से परिभाषित अधिगम-परिणामों से संबद्ध हों।
यह दृष्टिकोण विभिन्न शैक्षिक प्रौद्योगिकियों जैसे लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (LMS), इंटरएक्टिव
सिमुलेशन तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित वैयक्तिकरण का उपयोग कर सक्रिय और उत्तरदायी अधिगम
वातावरण तैयार करता है। इसका उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जन तक सीमित न रहकर विद्यार्थियों में आलोचनात्मक
चिंतन, सहयोग और सृजनात्मकता जैसी कौशलों का विकास करना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 तथा विद्यालय शिक्षा हेतु राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFSE) 2023
इस एकीकरण के महत्व को रेखांकित करती है, जो अन्वेषण-आधारित, समावेशी और परियोजना-आधारित अधिगम को
बढ़ावा देती है। टेक्नो-पैडागॉजी के अंतर्गत शिक्षण-रचना की शुरुआत शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं और उनके
संदर्भ की स्पष्ट समझ से होती है, जिसके आधार पर उपयुक्त उपकरणों और रणनीतियों का चयन किया जाता है।
इससे विभेदित शिक्षण, सहपाठी सहभागिता और सतत् प्रारूपिक मूल्यांकन को बढ़ावा मिलता है।
इस एकीकरण का एक महत्वपूर्ण आधार है शिक्षक व्यावसायिक विकास। शिक्षकों को केवल तकनीकी जानकारी ही नहीं,
बल्कि शिक्षण-पद्धतिगत विशेषज्ञता से भी सुसज्जित होना आवश्यक है ताकि वे तकनीकी रूप से सशक्त पाठों की
रचना, कार्यान्वयन और सतत् सुधार कर सकें। यह निरंतर क्षमता निर्माण शिक्षकों को कक्षा में नवप्रवर्तक
बनने के लिए प्रेरित करता है, जिससे शिक्षा में निरंतर सुधार और सतत् रूपांतरण संभव हो पाता है।
संक्षेप में, टेक्नो-पैडागॉजिकल एकीकरण हेतु शिक्षण-रचना सार्थक, विद्यार्थी-केंद्रित अधिगम वातावरण
तैयार करने में सहायक है, जहाँ प्रौद्योगिकी केवल एक अतिरिक्त साधन नहीं, बल्कि एक प्रेरक शक्ति है, जो
सुदृढ़ शिक्षण-पद्धति और गहन अधिगम का समर्थन करती है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की दृष्टि के अनुरूप, सीआईईटी-एनसीईआरटी पाँच घंटे की ऑनलाइन प्रशिक्षण
श्रृंखला “प्रौद्योगिकी-शिक्षण पद्धति एकीकरण हेतु शिक्षण-रचना” का आयोजन कर रहा है। यह प्रशिक्षण
अंग्रेज़ी संस्करण में 15 – 19 सितम्बर, 2025 तथा हिंदी संस्करण में 22 – 26
सितम्बर, 2025 को प्रतिदिन सायं 4 बजे से 5 बजे तक आयोजित किया जाएगा। विषय विशेषज्ञता को
ध्यान में रखते हुए, इस ऑनलाइन प्रशिक्षण श्रृंखला के लिए एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय के साथ
सहयोग किया गया है।
प्रशिक्षण सत्रों का सीधा प्रसारण एनसीईआरटी के यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा तथा इसका
सह-प्रसारण पीएम ई-विद्या डीटीएच टीवी चैनल (6 से 12) एवं जियो टीवी मोबाइल
ऐप पर भी उपलब्ध होगा। प्रतिभागी इन सत्रों को रिकॉर्डेड रूप में समर्पित यूट्यूब
प्लेलिस्ट के माध्यम से भी देख सकेंगे, जिससे वे आवश्यक शिक्षण-पद्धतिगत अवधारणाओं और इंस्ट्रक्शनल
रणनीतियों को अपनी सुविधा अनुसार पुनः देख व समझ सकें।
प्रशिक्षण के उद्देश्य:
प्रशिक्षण श्रृंखला पूर्ण होने के पश्चात्, शिक्षार्थी सक्षम होंगेः:
- विभिन्न शैक्षिक एवं प्रशिक्षण परिप्रेक्ष्यों में शिक्षण-रचना की अवधारणा, आवश्यकता और क्षेत्र को समझना।
- प्रभावी अधिगम-अनुभव निर्मित करने हेतु प्रमुख शिक्षण-रचना मॉडलों का विश्लेषण एवं अनुप्रयोग करना।
- डिजिटल अधिगम के समर्थन हेतु शिक्षण-रचना सिद्धांतों का प्रयोग कर ई-सामग्री का रूपांकन एवं विकास करना।
- शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाने के लिए शिक्षण-रचना में आईसीटी उपकरणों का प्रभावी एकीकरण करना।
- विविध शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं के अनुरूप अनुकूली एवं वैयक्तिकृत अधिगम प्रणालियाँ विकसित करने हेतु शिक्षण-रचना रणनीतियों का प्रयोग करना।
कार्यक्रम अनुसूची:
दिन व तिथि | सत्रों का शीर्षक | संसाधन व्यक्तियों के नाम | बैनर लिंक | प्रस्तुति लिंक | विडियो लिंक |
---|---|---|---|---|---|
दिन 1: सोमवार, 22 सितम्बर 2025 |
शिक्षण-रचना की अवधारणा, आवश्यकता और क्षेत्र | प्रो. माधवी धरनकर प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग (DET), एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय, मुंबई | Day 1 | Presentation_Day 1 | Video |
दिन 2: मंगलवार, 23 सितम्बर 2025 |
शिक्षण-रचना के मॉडल | प्रो. जयश्री शिंदे डीन, इंटरडिसिप्लिनरी स्टडीज़ (अतिरिक्त प्रभार) निदेशक, मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर (UGC-MMTTC MOE) शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग, एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय, मुंबई | Day 2 | Presentation_Day 2 | Video |
दिन 3: बुधवार, 24 सितम्बर 2025 |
ई-सामग्री के विकास हेतु शिक्षण-रचना | डॉ. रेखा चव्हाण सह-आचार्य, शिक्षा विभाग, एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय, मुंबई | Day 3 | Presentation_Day 3 | Video |
दिन 4: गुरुवार, 25 सितम्बर 2025 |
शिक्षा में आईसीटी एकीकरण हेतु शिक्षण-रचना | डॉ. कविता रानी सह-आचार्य, शिक्षा संकाय, गुरु काशी विश्वविद्यालय, तलवंडी साबो, बठिंडा | Day 4 | Presentation_Day 4 | Video |
दिन 5: शुक्रवार, 26 सितम्बर 2025 |
अनुकूली एवं वैयक्तिकृत अधिगम प्रणालियों हेतु शिक्षण-रचना | डॉ. बिजु के सहायक आचार्य, शिक्षा विभाग, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ तमिलनाडु | Day 5 | Presentation_Day 5 | Video |
आयोजन टीम कार्यक्रम परामर्शदाता: प्रो. इन्दु कुमार, प्रमुख – डीआईसीटी एवं टीडी, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली कार्यक्रम समन्वयक एवं पाठ्यक्रम समन्वयक: डॉ. एंजल रथनाबाई, सह-प्राध्यापक, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली तकनीकी समन्वयक: डॉ. सतनारायण, शैक्षिक परामर्शदाता, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली |
कैसे भाग लें?
चरण 1 : पंजीकरण:
प्रतिभागियों को निम्नलिखित लिंक या क्यूआर कोड का उपयोग करके पंजीकरण करना
होगा -
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSceYXoAPU5v-b_DssJWiIzmqZhdJrlmENSx0k31UUvy4JLuwQ/viewform?usp=dialog
या QR कोड स्कैन करें -
चरण 2 : सीधा प्रसारण सत्र देखें और विषय के बारे में जानें :
प्रतिभागियों को
प्रशिक्षण सत्र
में भाग लेना होगा, जिसका एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल -
http://youtube.com/ncertofficial पर सीधा प्रसारण 08 से 12
सितम्बर
2025 को शाम 4.00 बजे से 5.00 बजे (सोमवार से
शुक्रवार) तक किया जाएगा। सत्र का
सीधा प्रसारण निम्नलिखित चैनलों पर भी किया जाएगा :
- पीएम ईविद्या चैनल #6-12
- डीडी फ्री डिश चैनल
- डिश टीवी चैनल #2027-2033
- जियो टीवी मोबाइल ऐप
यदि आप किन्ही कारणों से लाइव सत्र नहीं देख पाते हैं, तो आप दिए गए प्लेलिस्ट लिंक का उपयोग करके रिकॉर्डिंग देख सकते हैं: https://youtube.com/playlist?list=PLcsj1x9n9h4iBvRgodmIfYYuO61U0n30Z&si=u325A_X18xZwTAcO
चरण 3: ऑनलाइन पाठ्यक्रम में नामांकन करें, सत्रोत्तर गतिविधि में भाग लें और प्रमाण पत्र प्राप्त
करें:
जिन प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्राप्त करना है, उन्हें निम्नलिखित कार्य करने होंगे:
- दीक्षा पोर्टल पर लॉन्च ऑनलाइन पाठ्यक्रम में शामिल हों।
इस कोर्स का लिंक: https://learning.diksha.gov.in/diksha/course.php?id=850§ion=1863&modeActive=4646
यह कोर्स 15 मार्च, 2026 तक उपलब्ध रहेगा। - प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम में शामिल होना होगा, सभी पांचों वीडियो देखने होंगे।
- प्रतिभागियों को अंतिम मूल्यांकन (Final Assessment) देना होगा। यह मूल्यांकन अधिकतम तीन बार किया जा सकता है।
- अंजो प्रतिभागी अंतिम मूल्यांकन में 70% या उससे अधिक अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
- प्रतिभागी अपने प्रमाणपत्र को सीधे अपने दीक्षा प्रोफ़ाइल पृष्ठ पर प्राप्त कर सकेंगे। प्रमाणपत्र मिलने में लगभग 15–20 दिन लग सकते हैं।
चरण 4: प्रतिपुष्टि (Feedback) प्रस्तुत करें:
प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे
निम्नलिखित लिंक या क्यूआर कोड का उपयोग करके प्रतिपुष्टि (Feedback) प्रस्तुत करें–
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeD0iya_tt72tEALsYezaLo00A1UfUSyJWvFnYWNBEZzs7Klw/viewform?usp=dialog
यह प्रतिक्रिया फॉर्म आपके अनुभवों, आपके सीखने और ऑनलाइन प्रशिक्षण के संबंध में सुझावों को जानने के लिए बनाया गया है। कृपया हमारे साथ अपने अनुभवों और सुझावों को साझा करें। यह हमें वर्चुअल प्रशिक्षण प्रक्रिया में और सुधार करने में मदद करेगा। आपकी प्रतिक्रियाओं की गोपनीयता सुनिश्चित रखी जाएगी।
किसी भी जानकारी के लिए, यहां मेल करें: training.helpdesk@ciet.nic.in या कॉल करें: 8800440559.