डिवाइस एवं नेटवर्क सुरक्षा

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पांच घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण

"डिवाइस एवं नेटवर्क सुरक्षा"

आधुनिक शिक्षा अब डिजिटल उपकरणों और नेटवर्क आधारित प्लेटफ़ॉर्म पर निर्भर हो गई है, जो यह निर्धारित करते हैं कि विद्यार्थी किस प्रकार जानकारी प्राप्त करते हैं, आपस में संवाद करते हैं और संस्थानों से जुड़ते हैं। प्रशासनिक प्रणालियों से लेकर आभासी कक्षाओं तक, सुरक्षित प्रौद्योगिकी अवसंरचना अब शैक्षिक प्रक्रिया के लिए अनिवार्य हो गई है। परंतु इस निर्भरता के कारण महाविद्यालय और विश्वविद्यालय अवैध पहुँच, डेटा चोरी और तकनीकी अवरोध जैसे जोखिमों के प्रति संवेदनशील भी हो जाते हैं। डिजिटल शिक्षा में विश्वास, निरंतरता और मज़बूती बनाए रखने के लिए डिवाइस और नेटवर्क सुरक्षा केवल तकनीकी आवश्यकता नहीं रह जाती, बल्कि यह संस्थागत और शैक्षणिक दायित्व बन जाती है।

साइबर हमलों की बढ़ती संख्या- चाहे वह रैनसमवेयर और फ़िशिंग हों या डिनायल-ऑफ़-सर्विस हमले, इस समस्या की तात्कालिकता को रेखांकित करते हैं। ये जोखिम केवल तकनीकी असुविधाओं तक सीमित नहीं रहते, बल्कि विद्यार्थियों की गोपनीयता, शैक्षणिक नैतिकता और यहाँ तक कि मानसिक स्वास्थ्य को भी खतरे में डालते हैं। इसलिए, नियमित सॉफ़्टवेयर अपडेट, सशक्त प्रमाणीकरण प्रक्रियाएँ और एन्क्रिप्टेड संचार जैसी रोकथाम संबंधी कार्यप्रणालियों को मानक प्रक्रियाओं का हिस्सा बनाना आवश्यक है। शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच जागरूकता बढ़ाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे अक्सर दुर्भावनापूर्ण तत्वों के लिए सबसे संवेदनशील लक्ष्य बने रहते हैं। संस्थान यदि डिजिटल आदतों को शिक्षित और सुरक्षित बनाने की दिशा में कार्य करें, तो वे जोखिमों को कम करते हुए विद्यार्थियों को आत्मविश्वास के साथ तकनीक का उपयोग करने में सक्षम बना सकते हैं।

डिवाइस और नेटवर्क सुरक्षा को अंततः विद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों की संस्थागत संस्कृति में समाहित करना आवश्यक है, भले ही व्यक्तिगत प्रयास प्रारम्भिक सुरक्षा पंक्ति के रूप में कार्य करते हों। फ़ायरवॉल, सुरक्षित वाई-फ़ाई नेटवर्क, और सुस्पष्ट प्रवेश नीतियां एवं जवाबदेही मानक वैकल्पिक सुरक्षा उपाय नहीं, बल्कि संरचनात्मक अनिवार्यताएँ हैं। तकनीकी सुरक्षा प्रदान करने के अतिरिक्त, संस्थानों को जागरूक रहने की परंपरा विकसित करनी होगी, जिसमें सभी संबंधित पक्ष डिजिटल सुरक्षा को एक साझा दायित्व मानें। ऐसा करने से शैक्षणिक संस्थान प्रतिक्रियात्मक दृष्टिकोण से आगे बढ़कर सक्रिय रणनीतियाँ अपना सकेंगे, जो विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी और शैक्षणिक प्रतिष्ठा को बनाए रखेंगी।

शिक्षकों, प्रशासकों और विद्यालय नेतृत्वकर्ताओं की व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाकर “डिवाइस एवं नेटवर्क सुरक्षा” पर आधारित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इन आवश्यकताओं को पूरा करने का उद्देश्य रखता है। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को वह कौशल और ज्ञान प्रदान करना है, जिसकी मदद से वे डिजिटल अवसंरचना की सुरक्षा कर सकें, उपकरणों के उत्तरदायी उपयोग का उदाहरण प्रस्तुत कर सकें, तथा समावेशी, सुरक्षित और भविष्य के लिए तैयार शिक्षण वातावरण बनाए रख सकें। वैचारिक स्पष्टता और व्यावहारिक रणनीतियों के माध्यम से यह कार्यक्रम शिक्षा में सुरक्षा को इक्कीसवीं सदी का एक मौलिक हिस्सा बनाने की दिशा में कार्य करता है, ताकि विद्यालय यह सुनिश्चित कर सकें कि विद्यार्थी जुड़े हुए संसार में सफल हो सकें।

सीआईईटी-एनसीईआरटी, सी-डैक, आई एस इ ए, हैदराबाद की सहभागिता के साथ आयोजित इस पाँच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की दृष्टि के अनुरूप है, डिवाइस एवं नेटवर्क सुरक्षा की गहन समझ विकसित करना है, ताकि विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, डिजिटल अवसंरचनाओं को सुरक्षित बनाया जा सके और सुरक्षित, भविष्य- सक्षम विद्यालयों को सशक्त किया जा सके। यह प्रशिक्षण हिंदी माध्यम में 06–10 अक्टूबर , 2025 तथा अंग्रेज़ी माध्यम में 29 सितंबर–3 अक्तूबर, 2025 तक प्रदान किया जाएगा। प्रतिदिन शाम 4:00 से 5:00 बजे तक लाइव सत्र आयोजित किए जाएँगे। सुरक्षा, लचीलापन और जवाबदेही को शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में प्रभावी ढंग से एकीकृत करने के लिए इस प्रयास में बुनियादी अवधारणाओं के साथ-साथ दूरदर्शी रणनीतियों का समावेश किया गया है।

एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इन सत्रों का सीधा प्रसारण किया जाएगा, जबकि पीएम ई-विद्या डीटीएच टीवी चैनल (6–12) और जियो टीवी ऐप पर इनका एक साथ प्रसारण (simulcast) होगा। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों के लिए एक विशेष यूट्यूब प्लेलिस्ट के माध्यम से इनकी रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे महत्वपूर्ण चर्चाओं की पुनरावृत्ति कर सकें, अपनी समझ को सुदृढ़ कर सकें और सीखी गई बातों को अपने व्यावसायिक परिवेश में लागू कर सकें।

प्रशिक्षण के उद्देश्य:

प्रशिक्षण श्रृंखला के पूर्ण होने के बाद, प्रतिभागी सक्षम होंगे:

  1. डिवाइस और नेटवर्क सुरक्षा की प्रमुख अवधारणाओं और चुनौतियों को समझना।
  2. साइबर खतरों की पहचान करना और प्रभावी रोकथाम उपायों का अन्वेषण करना।
  3. शिक्षकों, विद्यार्थियों और प्रशासकों के बीच उपकरणों के जिम्मेदार उपयोग को प्रोत्साहित करना।
  4. सुरक्षित नेटवर्क और जवाबदेह कार्यप्रणालियों को सुनिश्चित करने वाली संस्थागत नीतियों की समीक्षा करना।
  5. सुरक्षित और लचीले डिजिटल शिक्षण वातावरण को विकसित करने के लिए व्यावहारिक रणनीतियों को लागू करना।

कौन भाग ले सकता है?

छात्र, शिक्षक, शिक्षक प्रशिक्षक, अभिभावक, प्रशासक और वे सभी जो उपरोक्त कार्यक्रम में रुचि रखते हैं।

कार्यक्रम अनुसूची:
Page Title
दिन व तिथि सत्र का शीर्षक विशेषज्ञ बैनर लिंक प्रस्तुति लिंक विडियो लिंक
दिन 1:
सोमवार, 06 अक्टूबर, 2025
अपने उपकरणों की सुरक्षा: एक व्यापक मार्गदर्शिका श्री हिमांशु शेखर परियोजना अभियंता, सी-डैक, पटना, बिहार Day 1
दिन 2:
मंगलवार, 07 अक्टूबर, 2025
पासवर्ड से परे: बायोमेट्रिक्स और मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के साथ डिवाइस सुरक्षा को मजबूत करना श्री शुभम त्रिपाठी परियोजना अभियंता, सी-डैक, नोएडा, उत्तर प्रदेश
दिन 3:
बुधवार, 08 अक्टूबर, 2025
मोबाइल और ऐप सुरक्षा श्री शुभम त्रिपाठी परियोजना अभियंता, सी-डैक, नोएडा, उत्तर प्रदेश
दिन 4:
गुरुवार, 09 अक्टूबर, 2025
नेटवर्क सुरक्षा के मूलभूत तत्व: खतरे और सुरक्षा उपाय श्री हरप्रीत बावा परियोजना प्रबंधक, सी-डैक, मोहाली, पंजाब
दिन 5:
शुक्रवार, 10 अक्टूबर, 2025
आईओटी डिवाइस सुरक्षा सुश्री सुमेरा फ़ारूक़ परियोजना अभियंता, सी-डैक, मोहाली, पंजाब

आयोजक समूह:

कार्यक्रम सलाहकार:

प्रो. इंदु कुमार, विभागाध्यक्ष - डीआईसीटी, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली।


कार्यक्रम समन्वयक एवं पाठ्यक्रम समन्वयक :

डॉ. एंजल रत्नाबाई, एसोसिएट प्रोफेसर, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली।


तकनीकी समन्वयक:

श्री सोमेश कुमार, जूनियर प्रोजेक्ट फेलो, केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी, नई दिल्ली।



कैसे भाग लें?

चरण 1 : पंजीकरण:
प्रतिभागियों को निम्नलिखित लिंक या क्यूआर कोड का उपयोग करके पंजीकरण करना होगा - https://forms.gle/yQ2nhSbXQxrqNrFZA या QR कोड स्कैन करें -

चरण 2: लाइव सत्र देखें और विषय के बारे में सीखें:
प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सत्र में भाग लेना होगा, जो एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल http://youtube.com/ncertofficial पर सीधा प्रसारण 06–10 अक्टूबर, 2025, शाम 4:00 बजे से 5:00 बजे तक (सोमवार से शुक्रवार) लाइव प्रसारित किए जाएंगे। सत्र निम्न माध्यमों पर भी लाइव टेलीकास्ट किए जाएंगे:

  • PM eVIDYA चैनल #6-12
  • डीडी फ्री डिश चैनल
  • डिश टीवी चैनल #2027-2033
  • जियो टीवी मोबाइल ऐप

यदि किसी ने लाइव सत्र नहीं देखा है, तो वे प्लेलिस्ट लिंक का उपयोग करके रिकॉर्डिंग देख सकते हैं:https://youtube.com/playlist?list=PLcsj1x9n9h4jsCov7QUzChCd9tCoWan7w&si=w5MuhuJdbH6iLYo3


चरण 3: ऑनलाइन कोर्स में भाग लें, पोस्ट-आकलन में हिस्सा लें और प्रमाणपत्र प्राप्त करें:

जो प्रतिभागी प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:

  • ऑनलाइन कोर्स जॉइन करें: यह कोर्स DIKSHA पोर्टल पर लॉन्च किया जाएगा। कोर्स का लिंक प्रशिक्षण के अंतिम दिन शाम 7 बजे तक इवेंट पेज पर अपडेट कर दिया जाएगा। यह कोर्स 15 मार्च 2026 तक खुला रहेगा।
  • प्रतिभागियों को कोर्स में शामिल होना होगा और सभी पांच वीडियो देखने होंगे।
  • प्रतिभागियों को अंतिम मूल्याङ्कन देना अनिवार्य है। प्रतिभागी तीन बार तक मूल्याङ्कनका प्रयास कर सकते हैं।
  • जो प्रतिभागी अंतिम मूल्याङ्कन में 70% या उससे अधिक अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें प्रमाणपत्र दिया जाएगा। प्रमाणपत्र उनके DIKSHA प्रोफ़ाइल पेज पर उपलब्ध होगा। प्रमाणपत्र प्राप्त करने में 15–20 दिन का समय लग सकता है।

चरण 4: फीडबैक जमा करें:प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे निम्न लिंक का उपयोग करके फीडबैक जमा करें:
https://forms.gle/9WqcHkit9cuduXnt8

या QR कोड स्कैन करें:

यह फीडबैक फॉर्म प्रतिभागियों के अनुभव, सीख और ऑनलाइन प्रशिक्षण से संबंधित सुझाव जानने के लिए बनाया गया है। इससे भविष्य में वर्चुअल प्रशिक्षण प्रक्रिया में सुधार करने में सहायता मिलेगी।

किसी भी जानकारी के लिए, यहां मेल करें: training.helpdesk@ciet.nic.in या कॉल करें: 8800440559.

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